Earthquakes in Vanuatu : दक्षिण प्रशांत महासागर में एक द्वीप समूह वाला देश वानुआतु में मंगलवार (17 दिसंबर) की सुबह करीब सवा 7 बजे 7.3 तीव्रता का भूकंप आया, इससे देश में काफी तबाही मची है. भूकंप का केंद्र वानुआतु के मुख्य द्वीप इफाते से 30 किलोमीटर दूर समुंदर के अंदर 57 किलोमीटर गहराई में था. इस भूकंप की वजह से अभी तक वानुआतु में 14 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.


अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, प्रारंभिक भूकंप के बाद भी क्षेत्र में कई झटके महसूस किए गए हैं. इसमें बुधवार (18 दिसंबर) की सुबह में 5.5 तीव्रता का एक झटका भी शामिल है. स्थानीय पुलिस ने कहा कि वानुआतु में ‘स्टेट ऑफ इमरजेंसी’ लगाई गई है. जिससे कि लोगों की आवाजाही को सीमित किया जा सके.


ऑस्ट्रेलिया के डीएफएटी विभाग ने क्या कहा?


ऑस्ट्रेलिया के विदेश और व्यापार विभाग (डीएफएटी) ने कहा कि उसे इस क्षेत्र में कई ऑस्ट्रेलियाई लोगों की होने की जानकारी है. वहीं, विदेश मंत्री पेनी वोंग ने मंगलवार (17 दिसंबर) की रात एक बयान में कहा कि भूकंप से वानुआतु में काफी नुकसान हुआ है और ऑस्ट्रेलिया बुधवार को सहायता सामग्री भेजेगा.


ऑस्ट्रेलिया के 9न्यूज नेटवर्क ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय ने कहा है कि पोर्ट विला में एयरपोर्ट और बंदरगाह तक पहुंचने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे सहायता पहुंचाने के प्रयास प्रभावित हो सकते हैं.


अमेरिकी समेत अन्य दूतावासों की इमारतों को पहुंचा नुकसान


 






वानुआतु की राजधानी पोर्ट विला में अमेरिका और कई अन्य देशों के दूतावास की इमारतों को भी भूकंप से काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है. हालांकि अभी तक भूकंप से हुए नुकसान का पूरा आकलन नहीं किया जा सका है.


बता दें कि भूकंप आने के बाद सुनामी को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया था. सरकारी और अन्य संस्थाओं की वेबसाइट्स भी बंद हो गई थीं. इंटरनेट बंद हो गया था. कई बिल्डिंग गिरी और उनके मलबे में कई गाड़ियां भी दबी है.


सक्रिय भूकंप क्षेत्र में आता है वानुआतु


वानुआतु दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में 80 छोटे-छोटे द्वीपों का एक देश है. ये फिजी के पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में स्थित है. ये सारा इलाका एक सक्रिय भूकंप क्षेत्र में आता है और यहां बड़ी संख्या में भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं.


यह भी पढेंः फ़िलिस्तीनी परिवारों ने अमेरिका पर दायर किया मानवाधिकारों के हनन का मुकदमा, जानें पूरा मामला