Earthquake Today: नेपाल के जाजरकोट में भूकंप में डिप्टी मेयर की मौत, जानें क्यों पड़ोसी देश में आते हैं इतने भूंकप?
Nepal Earthquake: नेपाल पुलिस के मुताबिक भूकंप की वजह से पुराने मकानों में नुकसान हुआ है. बीते महीने नेपाल में 6.1 और 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था.
Nepal Earthquake: नेपाल में बीती रात शुक्रवार (03 नवंबर) को तेज भूकंप में अब तक कम से कम 128 लोगों को मौत हो गई है. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. नेपाली मीडिया के मुताबिक रात 11 बजकर 47 मिनट के आसपास 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. इस भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान करनाली प्रांत के जाजरकोट और रुकुम पश्चिम में हुआ है.
राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के प्रमुख लोकविजय अधिकारी ने बताया कि भूकंप रात 11:47 बजे आया, जिसका केंद्र पश्चिम नेपाल का जाजरकोट था. शुक्रवार को देर रात आए इस भूकंप में जाजरकोट के नलगढ़ नगर पालिका की डिप्टी मेयर सरिता सिंह की मौत हो गई. उनके अलावा इलाके में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
नेपाल पुलिस के मुताबिक, भूकंप की वजह से पुराने मकानों मे क्षति हुई है. रुकुम पश्चिम जिला आठबिसकोट नगर पालिका 11 की लक्ष्मी बिक और उनकी 4 नाबालिग बेटियों समेत 15 लोगों की मौत हो गई. भूकंप से नेपाल के जाजरकोट के खलंगा में एक शख्स की मौत हो गई है. जजरकोट के मुख्य जिला अधिकारी सुरेश सुनार ने कहा कि उन्हें मौत की जानकारी मिली.
नेपाल में क्यों आते हैं इतने भूकंप?
नेपाल की धरती आए दिन कांपने लगती है. पिछले महीने 22 अक्टूबर को धाडिंग जिले में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था, इसके अलावा नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत में 16 अक्टूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था. 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों की वजह से लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी.
लेकिन इसकी वजह क्या है और क्यों बार-बार नेपाल में भूकंप आते हैं? दरअसल नेपाल भारतीय और तिब्बती टेक्टोनिक प्लेट के बीच बसा है. ये टेक्टोनिक प्लेट्स हर 100 सालों में दो मीटर तक खिसक जाती है, जिसकी वजह से धरती में दबाव पैदा होता है और भूकंप आता है. नेपाल सरकार की आपदा आंकलन रिपोर्ट (पीडीएनए) के मुताबिक, नेपाल दुनिया का 11 वां सबसे ज्यादा भूकंप वाला देश है.
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