इस भूकंप का केंद्र 38.7 डिग्री उत्तर अक्षांश और 142.4 डिग्री पूर्व देशांतर पर 47 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया. भूकंप का इलाका मियागी केनयोकी रहा. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने किसी भी तरह की सुनामी से इनकार किया है और भूकंप में किसी के हताहत होने की भी जानकारी नहीं है.
गौरतलब है कि इससे पहले 7 सितंबर को भी भूकंप के झटके महसूस किये गये थे जिसकी तीव्रता 5.2 थी. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार भूकंप के यह झटके सुबह 6.34 बजे जापान के इबाराकी प्रांत में आये थे.
जापान में अधिक भूकंपों का कारण भौगोलिक स्थिति
जापान, विश्वभर में सबसे ज्यादा भूकंप झेलता है. इसलिए यह भूकंपों के देश के रूप में भी दुनिया में जाना जाता है. इसका कारण जापान की भौगोलिक स्थिति है. यह ज्वालामुखी और महासागरीय खाइयों के रिंग ऑफ फायर पर स्थित है और आंशिक रूप से प्रशांत बेसिन को घेरता है. दुनिया में आने वाले भूकंपों में से लगभग 20 प्रतिशत भूकंप अकेले इसी हिस्से में आते हैं. इसी वजह से जापान को भूकंपों का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है.
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