कोलंबोः श्रीलंकाई सरकार में शीर्ष पदों पर आसीन नौ मुस्लिम मंत्रियों और अल्संख्यक समुदाय से आने वाले दो प्रांतीय गवर्नरों ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया ताकि अधिकारी उनमें से कुछ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर सकें. इन शीर्ष मंत्रियों में से कुछ पर उस इस्लामिक चरमपंथी समूह से संबंध रखने के आरोप लगे हैं जिसे ईस्टर पर हुए घातक आत्मघाती हमलों का जिम्मेदार माना गया.


सरकार के इन मुस्लिम राजनीतिकों ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की कथित विफलता को लेकर भी विरोध दिखता है. द्वीप की 2.1 करोड़ आबादी में मुस्लिमों की संख्या नौ प्रतिशत है. इस साल 21 अप्रैल को हुए हमलों के बाद सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कुछ मुस्लिम राजनीतिकों को बढ़ते मुस्लिम आतंकवाद को उनके कथित समर्थन के कारण आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था.


उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रिशथ बाथिउथीन पर आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामिक समूह नेशनल तौहीद जमात को समर्थन देने का आरोप लगा. इसी समूह ने ये हमले किए थे जिसमें 258 लोगों की जान चली गई थी. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में 19 मुस्लिम हैं और उनमें से नौ के पास कैबिनेट, राज्य और उपमंत्री के पद हैं.


अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी प्रांत के गवर्नर अजाद सैले और पूर्वी प्रांत के गवर्नर मल्म हिस्बुल्ला ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को अपना इस्तीफा सौंपा.


इन सभी का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के महंतों समेत हजारों लोग ने कैंडी तीर्थ नगरी में विरोध प्रदर्शन कर नेशनल तौहीद जमात से संबंध रखने वाले तीन मुस्लिम नेताओं को बर्खास्त करने की मांग की थी.


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