ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत से पूरी दुनिया में सन्नाटा पसर गया है. हादसे की असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन कई लोगों को लगता है कि इसके पीछे कोई साजिश है. हादसे को लेकर इजरायल की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. दोनों देशों के बीच पिछले एक महीने में तनाव ज्यादा बढ़ गया है. रविवार (19 मई) को अजरबैजान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और उसमें मौजूद सभी लोगों की मौत हो गई. हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अबुदल्लाहियन भी थे.


पिछले महीने ही ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था. ईरान के इस हमले को सीरिया की राजधानी दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब के तौर पर देखा गया. सीरिया में हमले के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, इजरायल ने इससे इनकार किया है. इस तनाव के बीच राष्ट्रपति रईसी की मौत से दोनों देशों में रिश्ते और खराब हो सकते हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान बदले में कोई कारर्वाई कर सकता है. अगर ऐसा होता है और कौन किस पर भारी पड़ेगा?


इजरायल सैन्य तौर पर काफी मजबूत है. उसके पास आयरन डोम जैसे खतरनाक हथियार और कई बेहतरीन मिसाइलें हैं. वहीं, आर्थिक तौर पर देखें तो भी ईरान के सामने इजरायल ज्यादा ताकतवर है. हालाकि, पीडब्ल्यूसी का अनुमान है कि अगले 26 सालों में आर्थिक तौर पर ईरान इजरायल से आगे निकल जाएगा. पीडब्ल्यूसी का अनुमान है कि साल 2050 तक ईरान दुनिया की 27वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, जबकि इजरायल 44वें नंबर होगा.


ईरान की जीडीपी कितनी है?
पीडब्ल्यूसी ने वर्ल्ड इन 2050 नाम से एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें 50 देशों की अनुमानित जीडीपी और कौन सा किस नंबर पर होगा उसका अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अगले 26 सालों में ईरान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे. मौजूदा समय में ईरान के पास 464.18 बिलियन डॉलर की जीडीपी है, जो इजरायल की तुलना में कम है. हालांकि, आबादी के मामले में ईरान इजरायल से आगे है. ईरान की आबादी करीब 88 मिलियन है, जो इजरायल से लगभग 10 गुना ज्यादा है. 


इजरायल की जीडीपी कितनी है?
आबादी के मामले में भले इजरायल ईरान से पीछे हो, लेकिन आर्थिक तौर पर वह ज्यादा मजबूत है. इजरायल की आबादी 9 मिलियन है. इजरायल के पास मौजूदा समय में 525 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, लेकिन पीडब्ल्यूसी का अनुमान है कि वह अगले 26 सालों में ईरान से पीछे होगा.


पर कैपिटा इनकम के मामले में पीछे होगा ईरान
पर कैपिटा इनकम के मामले में भी ईरान इजरायल के मुकाबले कमजोर है. इंटरनेशनल मोनेट्री फंड के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में ईरान की पर कैपिटा इनकम 10,000 डॉलर से कम थी और अगले तीन साल यानी 2026 तक भी यह आंकड़ा 10 हजार डॉलर से कम ही रहेगा. वहीं, इजरायल की बात करें तो उसकी 2023 में इनकम पर कैपिटा 50 हजार डॉलर से ज्यादा थी, जबकि 2026 तक यह आंकड़ा 60 हजार डॉलर से ज्यादा हो जाएगा. 


यह भी पढ़ें:-
किर्गिस्तान में पिट रहे पाकिस्तानियों पर किसने कहा- ऐसा लगता है RSS वाले मार रहे हैं !