कायरो: मिस्र में हुए आतंकी हमले में 235 लोगों की मौत हो गई है और बहुत सारे लोग घायल हैं. मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी ने हमले का बदला लेने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस हमारे शहीदों का बदला लेगी.
राष्ट्रपति ने कहा कि लोग अब और अधिक मजबूती के साथ आतंकवाद से टक्कर लेंगे. उन्होंने मारे गए लोगों और जख्मी लोगों के साथ संवेदना प्रकट की और कहा कि आने वाले वक्त में सुरक्षा के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा.
ISIS ने किया हमला?
जिस मस्जिद पर हमला हुआ है वह सूफी मस्जिद थी. ऐसे में माना जा रहा है कि शायद हमले के पीछे ISIS का हाथ है हालांकि अभी तक किसी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. दरअसल ऐसी मस्जिदों को ISIS अपने खिलाफ मानता है. अभी स्थानीय पुलिस और सरकारी एजेंसियां जांच कर रही हैं कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है और कौन सा आतंकी संगठन इसमें शामिल है.
मोदी, ट्रंप और सुषमा ने जताई संवेदना
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, मैंने अभी मिस्र के विदेश मंत्री से बात की है और हमारे प्रधानमंत्री ने भी आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया है.'
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, मिस्र में हुए आतंकी हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं हमले में मारे गए सभी निर्दोष लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है. भारत हमेशा हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ खड़ा रहेगा और मिस्र की सरकार का साथ देगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया, मिस्र के राष्ट्रपति को कॉल करूंगा और इस घटना के बारे में जानकारी लूंगा. हमें पहले से भी अधिक मजबूत और तेज बनना पड़ेगा और हम ये करेंगे. दीवार की जरूरत है, बैन की जरूरत है. ईश्वर मिस्र के लोगों के साथ है.
क्या है पूरा मामला
मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट में कम से कम 235 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. उत्तरी शहर अरीश की मस्जिद में आतंकवादियों ने घरों में बने विस्फोटकों को लगाया और जब लोग नमाज पढ़कर लौट रहे थे, उसी दौरान विस्फोट कर दिया.
जिन लोगों ने बचकर भागने की कोशिश की उन पर आतंकवादियों ने गोलियां भी चलाई. हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. घटनास्थल से ली गई तस्वीरों में मस्जिद के अंदर खून से लथपथ पीड़ितों को देखा जा सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा लग हो रहा है कि इस हमले में मस्जिद में प्रार्थना कर रहे सुरक्षा बलों के समर्थकों को टारगेट किया गया है. मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फत्तह अल-सिसी ने सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है.