इस्लामाबाद: पाकिस्तान का खतरनाक आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान का प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान आर्मी जेल से भाग गया है. एहसान पर नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को गोली मारने और पेशावर आर्मी स्कूल पर आतंकी हमला करने का आरोप है. गुरुवार को जारी एक संदेश में एहसान ने दावा किया है कि वह 11 जनवरी को जेल से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा है.


एहसान पाकिस्तान में हुए कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने उसके सिर के ऊपर एक मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. वह एक अन्य खतरनाक संगठन जमात उल अबरार का भी सदस्य है.

गौरतलब है कि पाकिस्तानी तालिबान उस समय चर्चा में आया था, जब 2012 में एहसानुल्लाह ने स्कूल गर्ल मलाला के सिर पर  गोली मार दी थी. इस हमले का उद्देश्य आतंकवादी संगठन के प्रति लोगों में डर पैदा करना था. इसके अलावा एहसानुल्लाह 2014 में पेशावर आर्मी पब्लिक स्कूल हमले का भी मुख्य आरोपी है. इस हमले में 134 स्कूली बच्चे और 15 कर्मचारी मारे गए थे.

एहसानुल्लाह पर कई आत्मघाती आतंकी हमले का आरोप
एहसानुल्लाह रावलपिंडी और कराची में शियाओं के खिलाफ हुए कई आत्मघाती हमले में भी शामिल रहा है. साथ ही गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में नौ विदेशी पर्यटकों और उनके गाइड की हत्या का भी आरोप उस पर है.

लाहौर में ईस्टर सभा पर आतंकवादी हमला
इसके अलावा उसने मोहनंद में शांति समिति के स्वयंसेवकों को निशाना बनाते हुए दो धमाके किए थे. वाघा सीमा के पास आत्मघाती हमला और 2016 में लाहौर के एक पार्क में एक ईस्टर सभा में बमबारी का भी आरोप एहसानुल्लाह पर है. इस आतंकी हमले में कम से कम 75 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए थे.

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