Pakistan News: पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. ईसीपी (ECP) ने इमरान खान को तोशाखाना (Tosha Khana) मामले में भ्रष्ट आचरण करने का दोषी पाया है. ईसीपी ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को यह भी घोषणा की है कि इमरान खान अब संसद के सदस्य नहीं हैं. ईसीपी के फैसले के अनुसार, इमरान खान के खिलाफ भ्रष्ट आचरण के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने इस्लामाबाद में ईसीपी सचिवालय में फैसले की घोषणा की. यह फैसला पांच सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से लिया. हालांकि, पंजाब के सदस्य आज की घोषणा के लिए मौजूद नहीं थे. फैसले के मुताबिक गलत बयान देने पर इमरान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
क्या हैं इमरान खान पर आरोप?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के चीफ इमरान खान पर आरोप लगा था कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए विदेशी नेताओं से प्राप्त उपहारों के बारे में अधिकारियों को गुमराह किया. आरोप है कि इमरान खान ने तोशाखाना की तोहफे में दी गई कई घड़ियां एक घड़ी डीलर को 15.4 करोड़ रुपये से ज्यादा में बेचीं हैं. अगस्त में गठबंधन सरकार ने इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना उपहारों और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त आय के "विवरण साझा नहीं करने" के लिए याचिका दायर की थी.
स्पीकर ने सीईसी को भेजी थी शिकायत
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट, सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ को शिकायत दी थी. जिन्होंने बाद में इसे आगे की कार्रवाई के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा को भेज दिया था. वहीं फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने जनता से अपने घरों से बाहर आने के लिए कहा. वह ईसीपी के बाहर मीडिया से बात कर रहे थे.
तोशाखाना में जमा करने होते हैं उपहार
1974 में स्थापित किया गया तोशाखाना, कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में एक विभाग है. यहां शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को जमा किया जाता है. तोशाखाना नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उन्हें उपहार और अन्य ऐसी सामग्री मिलने की सूचना कैबिनेट डिवीजन को देने होती है. 8 सितंबर को ईसीपी (ECP) को सौंपे गए एक लिखित जवाब में, इमरान खान (Imran Khan) ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त कम से कम चार उपहारों को बेचने की बात स्वीकार की थी.
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