Israel National Election: इजराइल में मंगलवार (1 नवंबर) को आम चुनाव के लिए मतदान हुआ. इजराइल की केंद्रीय चुनाव समिति के अनुसार, चुनाव में कुल 71.3 प्रतिशत मतदान हुआ है. बीते तीन साल से भी कम वक्त में ये पांचवीं बार है जब इजराइल में आम चुनाव कराए गए. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि इजराइल (Israel) में बीते कुछ साल में बार-बार चुनाव क्यों हो रहे हैं. 


इस साल की शुरुआत में अप्रैल में, सांसद इडित सिलमैन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की यामिना पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद सरकार ने बहुमत का आंकड़ा खो दिया था. जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक, इडित सिलमैन के इस्तीफा देने पर बेनेट ने दावा किया था कि नेतन्याहू के समर्थकों ने सिलमैन को परेशान किया इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया. हालांकि, सिलमैन ने बेनेट के इस दावे का खंडन किया था. 


क्या है बार-बार चुनाव होने की वजह?


सिलमैन के इस्तीफे के बाद आठ-पार्टियों के गठबंधन में दरार पड़ गई. जिसके बाद बेनेट ने इस्तीफा दिया. बेनेट के बाद येर लापिद देश के नए प्रधानमंत्री बने थे. इजरायल की 120 सीट वाली संसद में बहुमत के लिए 61 सीट चाहिए. समस्या ये है कि इजराइल में कई छोटे-छोटे दल हैं जो मिलकर सरकार बनाते हैं. इनमें से किसी भी दल ने नेसेट में कभी अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं किया. जिससे पार्टियों को सरकार बनाने के लिए गठबंधन करना पड़ता है. 


गठबंधन और उसके बाद के बहुमत को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक पार्टी और प्रत्येक सदस्य पर उनकी निर्भरता के कारण ये गठबंधन पूरी तरह विश्वसनीय नहीं रहता. एक सदस्य के समर्थन वापस लेने भर से सरकार गिर जाती है, जैसा कि सिलमैन के मामले में देखा गया. इस प्रकार की इजरायल में राजनीतिक अस्थिरता के कारण बार-बार चुनाव हो रहे हैं. जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, कुछ ऐसे मुद्दे रहे हैं जो इन चुनावों में सबसे आगे रहे हैं. उनमें से 5.2 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर के साथ बढ़ती कीमतों का मुद्दा भी है. 


हो सकती है बेंजामिन नेतन्याहू की वापसी


इजराइल के करीब 67.8 लाख नागरिक मतदान के योग्य हैं. इस बार 25वीं इजराइली संसद (नेसेट) के लिए मतदान किया गया है. बेंजामिन नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे. हालांकि उन पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है. बहरहाल, इस बार के चुनाव में इजरायल (Israel) की मीडिया में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की लिकुड पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए दिखाया जा रहा है.


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