पाकिस्तान से 35 साल बाद कंबोडिया के लिए रवाना हुआ 'कावन', रेस्क्यू मुहिम को दिग्गजों का मिला था समर्थन, जानें कौन है
आखिरकार 35 साल बाद कंबोडिया के लिए पाकिस्तान से 'कावन' रवाना हुआ.मनोरंजन का केंद्र रहे अकेला रह जानेवाले हाथी के जाने से लोग भावुक हैं.
पाकिस्तान को तोहफे के तौर पर मिले 'कावन' को आखिरकार 35 साल बाद कंबोडिया रवाना कर दिया गया है. रवानगी से पहले उसके लिए धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन हुआ. कावन नामका हाथी इस्लामाबाद के मरगजार चिड़िया घर में लोगों के मनोरंजन का मुख्य केंद्र बना हुआ था. .
इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर हाथी के लिए खास कंटेनर तैयार किया गया. रूस से मंगाए गए विशेष प्लेन में हाथी के साथ 8 टेक्नीकल स्टाफ और दो डॉक्टरों की टीम शामिल है. अकेला रह जानेवाले हाथी की विदाई पर लोग भावुक हैं. उसकी विदाई समारोह का पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. कंबोडिया के चिड़िया घर के लिए रवानगी पर यूजर सुरक्षित यात्रा की कामना कर रहे हैं.
Farewell #Kavaan - wish you a safe journey to your retirement home in #Cambodia elephant sanctuary pic.twitter.com/cLgKVORCOk
— Malik Amin Aslam (@aminattock) November 29, 2020
'कावन' की विदाई के लिए किया गया खास इंतजाम
2012 में साथी हथिनी की मौत से कावन बिल्कुल अकेला रह गया था. साथी की मौत के बाद उसे मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. उसके एकांतवास को खत्म करने के लिए जानवरों के लिए काम करनेवाली संस्थाओं ने सरकार पर दबाव डाला. रेस्क्यू की मुहिम को आवाज देने के लिए अमेरिकी सिंगर चेर भी पिछले हफ्ते इस्लामाबाद पहुंचीं.
????Kaavan's journey to freedom from captivity in Islamabad to Cambodia will be a 2021 @SmithsonianChan documentary ❤️ Help us build Kaavan's forever home ???? https://t.co/dzdl4Ew4gn ????????@ftwglobal #KaavansJourney pic.twitter.com/iTxdzfndNB
— Cher (@cher) November 27, 2020
श्रीलंका से तोहफे में मिलनेवाला हाथी कंबोडिया रवाना
मार्च 2019 में पाकिस्तान के एक वकील ने अदालत में याचिका दाखिल कर चिड़िया घर से कावन को स्थानांतरित करने की मांग की. अवैस अवान एडवोकेट ने उसकी सेहत का हवाला देते हुए रहने के लिए आवास को बहुत छोटा बताया. उन्होंने अदालत को बताया कि शारीरिक और मानसिक दबाव के चलते उसके लिए मुनासिब जगह की दरकार है. याचिका पर फैसला सुनाते हुए इस्लामाबाद की अदालत ने मरगजार चिड़िया घर से कावन समेत अन्य जानवरों को सुरक्षित ठिकाने पर भेजने का आदेश दिया. गौरतलब है कि 1985 में श्रीलंका की सरकार ने जिस वक्त हाथी को भेंट किया था उस वक्त उसकी उम्र 1 साल थी.
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