जापानी स्पेसक्राफ्ट, UAE का रोवर और NASA के कंपोनेंट चंद्रमा की ओर ले गया मस्क का रॉकेट, जानें स्पेसएक्स लॉन्च की खासियत
SpaceX Launch: स्पेस रेस में शामिल एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को रविवार को उस समय सफलता मिली जब उसके एक रॉकेट को सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर प्रक्षेपित कर दिया गया.
SpaceX Rocket Launch: दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने रविवार (11 दिसंबर) को अमेरिका के फ्लोरिडा के कैनवरल से एक अंतरिक्ष मिशन के ट्रांसपोर्टेशन की शुरुआती कामयाबी हासिल कर ली. रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेसएक्स का एक रॉकेट जापानी स्टार्टअप की ओर से डिजाइन किए गए एक अंतरिक्ष यान समेत, कनाडा, यूएई और नासा के कई कंपोनेंट्स के साथ सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.
समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि जापान का यह पहला चंद्र मिशन है और किसी प्राइवेट कंपनी के रॉकेट से लॉन्च किए जाने के मामले में भी यह पहला है.
जापानी स्पेसक्राफ्ट की खासियत
जापान की आईस्पेस कंपनी ने अंतरिक्ष यान डिजाइन किया है. जापान के चंद्र मिशन को 'द हकूतो-आर मिशन' नाम से जाना जा रहा है, जापानी भाषा में इसका मतलब 'सफेद खरगोश' होता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हकूतो-आर में एक कैमरा लगा है. अप्रैल 2023 में इसके चंद्रमा पर उतरने की संभावना जताई गई है. हकूतो 2018 की अंतिम अवधि से पहले चंद्रमा पर एक रोवर उतारने की गूगल की लूनर एक्सप्राइज प्रतिस्पर्धा के पांच आखिरी दावेदारों में से एक था, जिसमें से कोई विजेता नहीं बना था.
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापानी स्टार्टअप के सीईओ तकेशी हाकामादा ने एक बयान में कहा, हमारा पहला मिशन चंद्रमा की क्षमता को उजागर करने और इसे एक मजबूत और जीवंत आर्थिक प्रणाली में बदलने के लिए आधार तैयार करेगा.
यूएई का लूवर रोवर ले गया स्पेसएक्स का रॉकेट
स्पेसएक्स का रॉकेट अपने साथ पहला अरब लूनर रोवर और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का लूनर फ्लैशलाइट क्यूबसैट भी चंद्रमा की ओर ले गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्पेसएक्स के 'फाल्कन 9' नामक रॉकेट का प्रक्षेपण (लॉन्च) किया गया है. इस रॉकेट की डाइमेंशन दो बाई ढाई मीटर है.
Liftoff! pic.twitter.com/FEenmAJmOz
— SpaceX (@SpaceX) December 11, 2022
स्पेसएक्स के रॉकेट से चंद्रमा के लिए भेजे गए यूएई के लूनर रोवर का नाम 'राशिद' है, जिसका भार 10 किलोग्राम बताया गया है. अंतरिक्ष की दौड़ में यूएई का यह रोवर नया है लेकिन तेल समृद्ध देश के पास हाल की कुछ उपलब्धियां हैं, जिनमें 2020 का मंगल मिशन शामिल है. राशिद अगर सफल होता है तो यह अरब जगत का पहला चंद्र मिशन होगा.
नासा का मिशन मून क्या है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा आने वाले वर्षों में लूनर अर्थव्यवस्था विकसित करना चाहती है. इसके लिए उसने चंद्रमा के आसपास ऑर्बिट में एक स्पेस स्टेशन और सतह पर एक ठिकाना बनाने का लक्ष्य रखा है.
नासा ने कई कंपनियों को ऐसे रोवर विकसित करने के ठेके दिए हैं, जिनके जरिये चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग किए जा सकें. इनमें अमेरिकी कंपनियां एस्ट्रोबोटिक और इनट्यूइटिव मशीन्स शामिल हैं, जो 2023 में टेक ऑफ करेंगी और ज्यादा सीधा रूट अपनाने के कारण आईस्पेस के मुकाबले पहले अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगी. एएफपी के मुताबिक, अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा की सतह रोबोट रखने में सफल हुए हैं.
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