NASA का ऐतिहासिक मानव मिशन लॉन्च, पहली बार निजी अंतरिक्ष यान से लॉन्चिंग, दो Astronauts सवार
स्पेसएक्स के जिस अंतरिक्ष यान में नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया है उसका नाम द क्रू ड्रैगन है.इस मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट बॉब बेनकेन और डग हर्ली का चयन साल 2000 में ही हो चुका था.
कोरोना संकट के बीच अमेरिका ने हौसले की उड़ान भरी है. नासा ने पहली बार प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स के अंतरिक्षयान से दो लोगों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसके गवाह बने. फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर की छत पर खड़े होकर ट्रंप इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने. ट्रंप के साथ में बेटी इवांका और दामाद जेयर्ड भी थे.
स्पेसएक्स के जिस अंतरिक्ष यान में नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया है उसका नाम द क्रू ड्रैगन है. द क्रू ड्रैगन में यात्री के रूप में नासा के एस्ट्रोनॉट बॉब बेनकेन और डग हर्ली सवार हैं जो 19 घंटे के सफर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचेंगे.
इस मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट बॉब बेनकेन और डग हर्ली का चयन साल 2000 में ही हो चुका था. दोनों ही स्पेस शटल के ज़रिए दो-दो बार अंतरिक्ष में जा चुके हैं. जोखिम कम से कम हो इसलिए अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 से लॉन्चिंग की गई.
2011 के बाद अमरीका में इस तरह के मिशन को पहली बार अंजाम दिया गया है. अब समझिए कि इस मिशन में स्पेस एक्स जैसी एक निजी कंपनी की मदद क्यों ली गई...
* नासा 20 साल से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन योजना पर काम कर रहा था
* रूसी रॉकेट से लॉन्चिंग का खर्च लगातार बढ़ रहा था
* इसलिए अमेरिका ने स्पेसएक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी.
अब सवाल ये कि लॉन्चिंग की लागत कम करने के लिए स्पेस एक्स को ही क्यों चुना गया? इसका जवाब जानने के लिए स्पेस एक्स के बारे में जानना जरूरी हो जाता है.
स्पेस एक्स के बारे में जानिए
* स्पेसएक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है * एलन मस्क ने 2002 में इस कंपनी की नींव रखी थी * फाल्कन 9, फाल्कन हैवी रॉकेट्स पर वाणिज्यिक और सरकारी लॉन्च सेवाएं देती है स्पेस एक्स * अंतरिक्ष तक आवाजही की लागत को कम करना स्पेस एक्स का मकसद है * नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है
NASA की ये लॉन्चिंग पहले 27 मई को होनी थी. लेकिन मौसम खराब होने की वजह से लॉन्चिंग से महज 17 मिनट पहले मिशन को टालना पड़ा था.
यह भी पढ़ें-
जानवरों से मनुष्यों में कैसे पहुंचा कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों ने पता लगाया