भारत से 'दुश्मनी' और पाकिस्तान को लगाया गले, काहिरा में मिले यूनुस-शहबाज, क्या पाकिस्तान संग मिलकर साजिश रच रहे बांग्लादेशी PM
Bangladesh-Pakistan Relations: बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता की नई संभावनाओं को जन्म देगा.
Bangladesh-Pakistan Relations: बांग्लादेश जहां एक तरफ भारत के खिलाफ हर कदम उठा रहा है वहीं उसके संबंध पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से बेहतर होते जा रहे हैं. इसकी बड़ी वजह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का 'कट्ट्ररपंथी' अजेंडा दिखाई पड़ता है जो पाकिस्तान को हमेशा से लुभाता है. अब इसी कड़ी में दोनों देशों के पीएम की मिस्र की राजधानी काहिरा में मुलाकात हुई. इस दौरान शहबाज शरीफ और मोहम्मद यूनुस के बीच के गर्मजोशी को देखते हुए कई जानकार कहने लगे हैं कि जल्द यूनुस पाकिस्तान की यात्रा कर सकते हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने 48 दिनों में दूसरी बार मिस्र की राजधानी काहिरा में डी-8 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की. जहां पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने प्रो. यूनुस को पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया. बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और यूनुस के विशेष दूत लुत्फी सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
Had a very warm and cordial exchange with my friend Prof. Dr. Muhammad Yunus, Chief Adviser of Bangladesh, on the sidelines of 11th D-8 summit in Cairo this morning.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) December 19, 2024
We discussed strengthening historical and cultural ties, increasing trade, and exploring cooperation in IT,… pic.twitter.com/6sO7G2zy9O
पाकिस्तान-बांग्लादेश ने 1971 के मुद्दे सुलझाने पर की चर्चा
काहिरा में हुए D8 की बैठक के दौरान, प्रो. मोहम्मद यूनुस ने 1971 के मुद्दों को हल करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को सुलझाने से ढाका-इस्लामाबाद के संबंधों को नया आयाम मिलेगा.
यूनुस ने शरीफ से आग्रह किया, 'भविष्य की पीढ़ियों के लिए इन मुद्दों को स्थायी रूप से हल करना जरूरी है.' जवाब में, शरीफ ने 1974 के त्रिपक्षीय समझौते का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई लंबित मुद्दे हैं, तो उन्हें विचार के लिए तैयार हैं.'
इसके अलावा भारत के पड़ोसी मुल्क के नेताओं ने व्यापार, सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान और खेल संबंधी गतिविधियों के माध्यम से सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई. उन्होंने चीनी उद्योग और डेंगू प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की.
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