नई दिल्ली: ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने शुक्रवार को एलान किया कि वो अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं. उन्होंने बेहद भावुक संबोधन में कहा कि वो अपने सांसदों को ब्रेक्जिट डील को लेकर सहमत करने में विफल रहीं जिसे देखते हुए वो कंजरवेटिव नेता के तौर पर अपना पद छोड़ रही हैं. ब्रिटिश संसद पहले तीन बार उनके प्रस्तावों को खारिज कर चुकी है. ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने की मूल समयसीमा 29 मार्च ही थी, लेकिन टेरेसा मे ने इसके लिए और वक्त मांगा था.


टेरेसा ने कहा कि, 'मेरे लिए ये हमेशा ही सबसे गहरा दुख होगा कि मैं ब्रेक्जिट के लिए सब को मना नहीं सकी.' अपने संबोधन के दौरान रुंधे गले से उन्होंने ये बात कही. टेरेसा मे के इस्तीफे ने ब्रिटेन के ब्रेक्जिट संकट को और गहरा कर दिया है. ब्रिटेन ने जिस समय यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए मतदान किया था तब से करीब तीन साल का समय बीत चुका है. निर्धारित विदाई के दो महीने बाकी रह जाने के दौरान ये साफ नहीं पाया है कि कब और कैसे ब्रेक्जिट होगा.


टेरेसा मे ने आगे कहा कि वो शुक्रवार यानी की 7 जून को कंजरवेटिव पार्टी के लीडर के रूप में इस्तीफा देंगी. नए नेता को चुनने का प्रोसेस आने वाले हफ्ते में शुरू होगा.