England Crime: इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र स्थित वॉल्वरहैम्प्टन सिटी सेंटर में एक उद्योगपति का अपहरण करने के लिए भारतीय मूल के दो भाइयों और उनके एक साथी को 45 साल जेल की सजा सुनाई गई है. बलजीत बाघराल (33), उसके भाई डेविड बाघराल (28) और 22 वर्षीय शानू को इस मामले में दोषी पाया गया था. तीनों ने पिछले साल नवंबर में काम के बाद अपनी कार की ओर जाते समय पीड़ित पर घात लगाकर हमला किया था.


बलजीत बाघराल और उसके भाई डेविड बाघराल ने पीड़ित को एक वैन में डाल दिया था और आंखों पर पट्टी बांधकर उसे एक दुकान में ले गए थे. उन्होंने उसे हिंसा की धमकी दी और उसके सिर पर पिस्तौल रख दी. पिछले महीने वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों को दोषी पाया और इस सप्ताह दोनों भाइयों को 16-16 साल जबकि उनके साथी को 13 साल और चार महीने की सजा सुनाई.


जान से मारने की दी थी धमकी
वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट की प्रमुख अपराध जांच टीम के डिटेक्टिव कॉन्स्टेबल डैन डेविड ने कहा कि इन लोगों ने पीड़ित को घंटों तक भयानक यातना दी और जान से मारने की धमकी भी दी. डेविड ने कहा कि उन्होंने बड़ी रकम ऐंठने के एकमात्र उद्देश्य से अपहरण की योजना बनाई थी, लेकिन अब उन्हें जेल में सजा काटनी होगी.


पुलिस ने जानकारी दी कि पीड़ित को घंटों तक बंधक बनाकर रखा गया, जिसके बाद उसे करीब 20 लाख की फिरौती लेने के बाद छोड़ गया. इसके बाद किडनैपर्स के चंगुल से छूटने के बाद उद्योगपति ने मदद के लिए पुलिस को फोन किया.


ऐसे लगाया गया किडनैपर्स का पता
वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने किडनैपर्स का पता लगाने के लिए CCTV, ANPR और मोबाइल फोन डाटा का इस्तेमाल किया. इसके बाद बलजीत के फोन पर रॉबर्स गैंग नामक एक ग्रुप चैट का भी पता लगाया, जिसे डेविड ने घटना से दो दिन पहले बनाया था. डेविड बाघराल को 18 अक्टूबर को गेंज रोड, लैंसफील्ड स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि बलजीत को साइप्रस से लौटते समय बर्मिंघम एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था.


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