Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 9 महीने से युद्ध चल रहा है. ये युद्ध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. ये देखते हुए यूरोपीय संसद ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया और रूस को 'स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज़्म' (आतंकवाद का प्रायोजक राज्य) घोषित कर दिया. युद्ध के शुरू होने के बाद से ही रूस को आतंकवाद का प्रायोजक राज्य घोषित करने की मांग की जा रही थी. देखने वाली बात यह होगी की इस घोषणा के बाद स्थिति किस तरह बदलती है और आगे क्या कुछ होगा. 


यूरोपीय संसद का कहना है कि यूक्रेन के खिलाफ रूसी अत्याचार और नागरिक बुनियादी ढांचे का विनाश अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का उल्लंघन करता है. बुधवार (23 नवंबर) को यूक्रेन के अधिकारियों ने इस कदम का स्वागत किया. यूक्रेन का कहना है कि रूस एक आतंकवादी राज्य है. हालांकि, यूरोपीय संसद का रूस लेबल कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है. इसलिए इसके कोई तत्काल कानूनी परिणाम नहीं होंगे. 


यूरोपीय संसद का क्या कहना है?


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने भी समय-समय पर इसकी मांग उठाई थी. यूक्रेन का कहना है कि रूस ने जानबूझकर यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे, बुनियादी ढांचे, अस्पतालों, स्कूलों, दुकानों, आश्रय स्थलों और ऐसे ही अन्य नागरिक लक्ष्यों पर सैन्य हमलों को अंजाम देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है. यह सभी हरकतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं. इसके साथ ही यूरोपीय संसद ने अपने 27 सदस्य देशों को इस फैसले का अनुकरण करने के लिए भी कहा. 


आक्रमण के मूड रूस 


एक तरफ यूरोपीय संसद ने रूस को 'स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज़्म' (आतंकवाद का प्रायोजक राज्य) घोषित कर दिया है तो दूसरी तरफ रूस और आक्रमण के मूड में है, जिससे यूक्रेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस ने बेलारूस से 100 मिसाइलें वापस मंगवाईं हैं. इन मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन में तबाही मचाने के लिए किया जा सकता है. फिलहाल इस युद्ध का अंत नजर नहीं आ रहे हैं. 


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