Iran Special Force IRGC: इस वक्त ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं. हिजाब विरोधी प्रदर्शन पिछले साल कुर्द महिला महसा अमीनी (22 साल) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से लगातार जारी हैं. इस दौरान प्रदर्शन में भाग लेने वाले कई लोगों को दोषी साबित करके ईरान सरकार ने मौत की सजा भी दे डाली, जिसकी वजह से पूरी दुनिया के लोगों ने ईरान सरकार के ऐसे क्रूर फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.


ईरान के बरताव को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं. इन सबके बीच ईरान ने एक ऐसी हरकत कर दी, जिसकी वजह से ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन देश की स्पेशल फोर्स को जल्द ही आतंकी संगठन घोषित करने की तैयारी में हैं.


हाल में ईरान ने सरकार के पूर्व मंत्री अलीरेजा अकबरी को फांसी की सजा सुना दी थी. ईरान ने अलीरेजा पर ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में मुजरिम ठहराया और बाद में फांसी दे दी. अलीरेजा अकबरी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता थी.


IRGC देश की स्पेशल फोर्स


ईरान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) देश की स्पेशल फोर्स है. ये देश के लिए राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक मोर्चे पर लड़ती है. ये स्पेशल फोर्स देश में चलने वाले घरेलू संकट के साथ-साथ इस्लामिक हितों की रक्षा करती है. इस स्पेशल फोर्स को ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जल्द ही आतंकी संगठन घोषित करने की कोशिश में हैं. इससे पहले ब्रिटेन ने ईरान पर आरोप लगाया था कि अलीरेजा को लालच देकर ब्रिटेन से ईरान बुलाया गया और गंभीर आरोप लगाकर कठोर न्यायिक प्रक्रिया से गुजारते हुए सजा सुना दी. ईरान की खुफिया एजेंसियों ने अलीरेजा को 3500 घंटे तक टॉर्चर किया और जबरदस्ती कुबूल कराया.


यूएस 2019 में ही आतंकी संगठनों में शामिल कर चुका 


जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक और यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी अपील की है कि वो आईआरजीसी को आतंकवादी संगठनों की अपनी लिस्ट में शामिल करें. उन दोनों ने ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर सख्ती करने में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की भूमिका को वजह बताया.


यूरोपियन संसद पहले ही IRGC को आतंकी संगठन घोषित करने के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर चुकी है. लेकिन ये प्रस्ताव  तभी एक्शन में आएगा, जब यूनियन के सदस्य देश इसे अपनी मंज़ूरी देंगे. यूएस 2019 में ही IRGC पर ये आरोप लगाते हुए आतंकी संगठनों की सूची में शामिल कर चुका है कि ये 'हिज़बुल्ला' जैसे संगठनों का समर्थन करता है.


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