ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर उठी शंका के बीच कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी लेकिन अब उनमें से ज्यादातर देशों ने इसके दोबारा इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि हाल ही में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने वाले लोगों में खून के थक्के की शिकायत पर जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन ने अस्थायी रूप से बैन लगा दिया था लेकिन अब इन देशों में दोबारा एस्ट्राजेनेका वैक्सीन शुरू की जा रही है
एस्ट्राजेनेका पर यूरोपीय संघ की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने ये कहा
बता दें कि यूरोपीय संघ की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी बताया है. यूरोपीय संघ की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने कहा है कि, “ हमारी वैज्ञानिक राय ये है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लोगों को कोविड-19 से बचाने में पूरी तरह से सेफ और प्रभावकारी है. ऐसी खबरें मिली थी कि टीकाकरण कराने के बाद कुछ लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत की है. लेकिन जांच करने के बाद ये पाया गया है कि ब्लड क्लॉटिंग या ब्रेन हैम्ब्रेज जैसी समस्याओं का वैक्सीन से कोई संबंध नही है.”
WHO ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को बताया सुरक्षित
वहीं, डब्ल्यूएचओ, यूरोप के दवाओं के नियामक और एस्ट्राजेनेका ने खुद इस बात को दोहराया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से खून के थक्कों या मस्तिष्क रक्तस्राव का खतरा बढ़ गया है. डब्लयूएचओ ने भी एस्ट्राजेनेका को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वैक्सीन और खून के थक्कों का कोई संपर्क नहीं मिला है. गौरतलब है कि फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इन देशों का कहना था कि वैक्सीन के इस्तेमाल से लोग खून के थक्कों की शिकायतें कर रहे हैं
भारत में कोविशील्ड के नाम से बनती है एस्ट्राजेनेका वैक्सीन
बता दें कि भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में कोविशील्ड के नाम से तैयार किया जा रहा है. भारत में काफी तेजी से टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है और अभी तक इस वैक्सीन से संबंधित कोई समस्या नहीं आई है. और अब अन्य देशों में भी एक बार फिर एस्ट्राजेनेका का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा.
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