पाकिस्तान ने अपने ही पूर्व खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) के चीफ रहे असद दुर्रानी को भारतीय जासूस करार दिया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से असद दुर्रानी के नाम को हटाने के उनके अनुरोध का विरोध किया है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कहा गयी गा कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि असद दुर्रानी का साल 2008 से ही भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के साथ संबंध रहा है और वे भविष्य में पाकिस्तान के हितों के खिलाफ काम कर सकते हैं.


दुर्रानी उस वक्त विवादों में घिर गए जब उन्होंने साल 2018 में रॉ के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दौलत के साथ मिलकर किताब लिखी थी- ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’. इसी वजह से पाकिस्तानी सेना ने दुर्रानी को तलब कर उन पर सैन्य आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.


असद दुर्रानी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील कर कहा था कि सरकार ने उनका नाम गलत तरीके से नो फ्लाई लिस्ट या एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया है. उन्होंने अदालत से कहा कि वे विदेश जाना चाहते हैं इसलिए सरकार को उनके ऊपर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए. किताब के प्रकाशन के बाद असद दुर्रानी का नाम ईसीएल लिस्ट में 2018 के मई में शामिल किया गया था. पूर्व आईएसआई चीफ ने इसके बाद 2019 में इस कदम के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.


इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दुर्रानी की याचिका के जवाब में पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय की तरफ से बुधवार को यह कहा गया कि पूर्व आईएसआई चीफ का नाम ‘देश विरोधी गतिविधियों के चलते’ नो फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया है.


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