Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
Israel Iran Fight: ईरान के राजदूत इराज इलाही ने एबीपी न्यूज के साथ हुई खास बातचीत में कहा कि इजरायल कोई देश नहीं है बल्कि वो अमेरिका की कठपुतली है.
Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रही लड़ाई के बीच ईरान के राजदूत ने हमास और हिजबुल्लाह का समर्थन करने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने इजरायल से बदला लेने की बात करते हुए कहा कि इजरायल कोई देश नहीं है बल्कि अमेरिका के हाथों की कठपुतली है. ईरान का मानना है हमास कोई आतंकवादी संगठन नहीं है बल्कि वो विरोध करने वाला संगठन है.
एबीपी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि ईरान हर तरह की जंग के लिए तैयार है लेकिन वो जंग नहीं शांति चाहता है. उन्होंने साफ कहा कि अगर इजरायल जंग ही चाहता है तो ईरान इसके लिए तैयार है. ईरान हमास और हिजबुल्लाह का समर्थन कर रहा है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा.
‘हमास ने जो किया वो आतंवादी कृत्य नहीं’
इराज इलाही ने कहा, “7 अक्टूबर को हमास की ओर से किया गया कृत्य कोई आतंकवादी कृत्य नहीं था बल्कि ये इजरायल के कब्जे के खिलाफ सैनिकों का एक ऑपरेशन था. नरसंहार इजरायल ने किया है हमने नहीं. इजरायल हमास और हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन बताकर लोगों को बेवकूफ बना रहा है. हिजबुल्लाह एक राजनीतिक संगठन है जबकि हमास एक प्रितरोध बल. हिजबुल्लाह के मंत्री तो ईरान की कैबिनेट में भी हैं. ईरान दोनों का समर्थन करता है.”
EXCLUSIVE | इजरायली हमले को लेकर ईरान के राजदूत इराज इलाही (@IranAmbIndia) ने दिया जवाब, बोले - 'ईरान जंग नहीं चाहता' @vishalpandeyk | @AshishSinghLIVE@Sheerin_sherry | https://t.co/smwhXURgtc#MiddleEast #Israel #War #Hezbollah #Lebanon pic.twitter.com/WOBmAo8rgl
— ABP News (@ABPNews) October 3, 2024
इंटरव्यू से जुड़े 7 बड़े प्वाइंट्स
1- ईरान जंग के लिए तैयार है और किसी भी स्थिति का सामना कर सकता है.
2- ईरान साफ तौर पर हमास और हिज्बुल्लाह का समर्थन कर रहा है और आगे भी करता रहेगा.
3- सात अक्टूबर, 2024 को हमास का हमला कोई आतंकी हमला नहीं था, वह इजरायल के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन था.
4- इजरायल यूएस की कठपुतली है. अमेरिका का एक चेहरा सामने दिखता है, जबकि दूसरा फेस पीछे छिपा हुआ है.
5- अमेरिका इजरायल को टेक्नोलॉजी और आर्म्स लंबे समय से मुहैया करा रहा है, ताकि वह नरसंहार कर सके.
6- अगर अमेरिका सच में शांति के लिए गंभीर होता तब वह इजरायल को सपोर्ट करना बंद कर देता.
7- ईरान इजरायल को किसी भी सूरत में देश नहीं मानता है. वे और मुल्कों के क्षेत्रों को अवैध रूप से हथिया रहे हैं.
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