(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: 'इजरायल देश नहीं, वो तो US की...', तनातनी के बीच ईरान के राजदूत डॉ इराज इलाही का बयान
Israel-Iran Conflict: ईरानी राजदूत ने एबीपी न्यूज से कहा, "हम हर किस्म की जंग के लिए तैयार हैं. हालांकि, ईरान जंग नहीं चाहता है. हिज्बुल्लाह कोई आतंकी संगठन नहीं है. हमास भी विरोध करने वाला संगठन है."
Israel-Iran Conflict: इजरायल के साथ तनातनी के बीच ईरान के राजदूत डॉ इराज इलाही का बड़ा बयान आया है. उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मुल्क को देश मानने से ही इनकार कर दिया. गुरुवार (3 अक्टूबर, 2024) को एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि इजरायल देश नहीं है बल्कि वह तो अमेरिका की कुठपुतली है.
वरिष्ठ संवाददाता आशीष सिंह के सवाल पर ईरानी राजदूत ने यह भी बताया, "हम हर किस्म की जंग के लिए तैयार हैं. हालांकि, ईरान जंग नहीं चाहता है." उन्होंने इंटरव्यू के दौरान यह भी साफ किया कि हिज्बुल्लाह कोई आतंकी संगठन नहीं है. हमास भी विरोध करने वाला संगठन है, वह कोई टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन नहीं है."
EXCLUSIVE | इजरायली हमले को लेकर ईरान के राजदूत इराज इलाही (@IranAmbIndia) ने क्या कहा? सुनिए @vishalpandeyk | @AshishSinghLIVE@Sheerin_sherry | https://t.co/smwhXURgtc#MiddleEast #Israel #War #Hezbollah #Lebanon pic.twitter.com/LSfmegXly3
— ABP News (@ABPNews) October 3, 2024
'7 अक्टूबर का हमला आतंकवादी कृत्य नहीं'
ईरान राजदूत ने कहा, "हम युद्ध के लिए तैयार हैं, हम किसी भी प्रकार के आक्रमण के लिए तैयार हैं. हम युद्ध या बढ़ते तनाव नहीं चाहते, लेकिन यदि इजरायल ऐसा करता रहा, तो हम तैयार हैं. ईरान हिज्बुल्लाह और हमास का समर्थन कर रहा है और हम इसे जारी रखेंगे. 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किया गया हमला आतंकवादी कृत्य नहीं था, बल्कि यह इजरायल के कब्जे के खिलाफ एक सैन्य ऑपरेशन था."
उन्होंने कहा, "इजरायल ने नरसंहार किया है,हम नहीं. इजरायल लोगों को यह दिखाकर बेवकूफ बना रहा है कि हिज्बुल्लाह और हमास गलत हैं. हिज्बुल्लाह एक राजनीतिक संगठन है और इसके मंत्री ईरान की कैबिनेट में हैं, और हमास एक प्रतिरोध बल है, ईरान दोनों का समर्थन कर रहा है. युद्ध तब ही रुक सकता है जब इजरायल और फलस्तीन एक साथ, संपूर्ण रूप से एक जनमत संग्रह लें."
अमेरिका के दो चेहरे: ईरानी राजदूत
ईरान के राजदूत ने अमेरिका पर भी हमला किया और कहा कि अमेरिका के पास दिखाने के लिए एक चेहरा है और पीछे एक और चेहरा. उन्होंने इजरायल को यह नरसंहार करने के लिए प्रौद्योगिकी और हथियारों की आपूर्ति की है. यदि अमेरिका वार्ता के लिए गंभीर था, तो उन्हें इजरायल का समर्थन रोक देना चाहिए था. इजरायल के साथ शांति की गुंजाइश पर राजदूत कहते हैं, "हम इजरायल को एक राज्य के रूप में मान्यता नहीं देते, वे दूसरों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: