वॉशिंगटन: अमेरिका के फ्लोरिडा के एक हाई स्कूल में हुई ताज़ा गोलीबारी की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई. हमलावर कोई और नहीं बल्कि इसी स्कूल से निकाला गया एक पूर्व स्टूडेंट है. हमले में 15 लोगों के घायल होने की भी जानकारी है. यह अमेरिका के इतिहास में गोलीबारी की सबसे घातक घटनाओं में से एक है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक हमलावर छात्र ने लोगों को क्लासरूम से बाहर निकालने के लिए फायर अलार्म बजाया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना सके. स्कूल में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी समुदाय के स्टूडेंट पढ़ते हैं और इनमें से कम से कम एक भारतीय स्टूडेंट इस गोलीबारी में मामूली रूप से घायल हुआ है. नौवीं में पढ़ने वाले घायल भारतीय स्टूडेंट का इलाज चल रहा है.
हमलावर ने किया था पूर्व प्रेमिका के नए प्रेमी से झगड़ा, स्कूल से निकाला दिया गया था
अधिकारियों ने बताया कि हमलावर की पहचान 19 साल के निकोलस क्रूज के तौर पर की गई है. वे पार्कलैंड के मारजोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल का पूर्व स्टूडेंट है. उसे उसकी गैरज़िम्मेदाराना हरकतों की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया था. घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रूज ने पिछले साल अपनी पूर्व प्रेमिका के नए प्रेमी से झगड़ा किया था जिसके बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था.
हमलावर स्टूडेंट ने गोलीबारी के लिए .223 कैलिबर एआर-15 सेमी ऑटोमैटिक राइफल का इस्तेमाल किया. अधिकारियों ने बताया कि क्रूज दिमागी रूप से परेशान था, इस गोलीबारी के पहले उसने सोशल मीडिया पर डिस्टर्ब करने वाली बातें पोस्ट की थीं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पार्कलैंड के लिए भयानक दिन है.’’
पार्कलैंड शहर उत्तर मियामी से 80 किलोमीटर दूर है और शहर की आबादी लगभग 30,000 है. फ्लोरिडा में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘निकोलस क्रूज हत्यारा है. वे हिरासत में है. हमने उसकी वेबसाइट और सोशल मीडिया की छानबीन शुरू कर दी है. कुछ बातें जो दिमाग में आ रही हैं, बहुत परेशान करने वाली हैं.’’ एफबीआई जांच में पुलिस की मदद कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हमलावर का कोई साथी भी था.
ट्रंप, पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रिया और गन कंट्रोल पर राजनीति
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हताहतों के परिवारों के लिए प्रार्थना की और संवेदनाएं व्यक्त कीं. ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘‘फ्लोरिडा की गोलीबारी की घटना में हताहत हुए परिवारों के लिए मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं. अमेरिका के किसी स्कूल में किसी भी बच्चे, टीचर या किसी और को कभी भी असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए.’’
गोलीबारी की इस ताज़ा घटना के बाद अमेरिका में गन कंट्रोल को लेकर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है. फ्लोरिडा के सीनेटर चेरिस मर्फी ने दक्षिण फ्लोरिडा के हाई स्कूल में हुई इस घटना को एक ‘भयावह’ बताया है. कांग्रेस के सदस्य डोनाल्ड एम पेनी ने बताया कि इस देश में हर रोज 46 बच्चों को गोली मारी जा रही है.
डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने निर्दोष स्कूली बच्चों के खिलाफ इस हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘‘इस देश में हर रोज़ गन वायलेंस से सात बच्चे मारे जा रहे है. ये आंकड़े धरती पर किसी और विकसित देश में नहीं मिलते है.’’ उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से ‘सभी बच्चों के लिए विश्व को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी शक्ति’ का इस्तेमाल करने का आग्रह किया.
बताते चलें कि साल 2012 में कनेक्टीकट स्कूल सैंडी हुक में हुई गोलीबारी में 26 लोग मारे गये थे.