What is BLA: पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों में आतंकी हमले बढ़े हैं औऱ इन हमलों में एक बात कॉमन निकलकर आई है और वो है निशाने पर चीनी नागरिक का होना. 26 अप्रैल को भी दोपहर में कराची यूनिवर्सिटी में कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट के पास एक वैन में हुए बम विस्फोट से तीन चीनी नागरिकों समेत 4 लोगों की मौत हुई. हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है. अब सवाल उठता है कि आखिर बीएलए क्यों पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को अपना निशाना बना रही है, उसकी मांग क्या है.
पहले बीएलए के बारे में जानिए
इससे पहले की हम बीएलए द्वारा किए जा रहे हमलों की वजह जानें, उससे पहले इस संगठन को जानना जरूरी है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी कोई बाहरी नहीं है. यह पाकिस्तान के ही बलूचिस्तान प्रांत से जुड़ा है और एक उग्रवादी संगठन है. इस संगठन का उद्देश्य बलूचिस्तान की आजादी है. यह 1970 से सक्रिय है. बीएलए लगातार यह कहती रही है कि पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान प्रांत के लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करती है. पाकिस्तान इस प्रांत की संपदाओं का सिर्फ दोहन कर रहा है.
विरोध पाकिस्तान से तो चीनी निशाने पर क्यों
अब यहां यह सवाल भी उठता है कि जब बीएलए का विरोध पाकिस्तान से है औऱ वह आजादी के लिए लड़ रहा है तो फिर चीनी नागरिक उसके निशाने पर क्यों हैं. काफी हद तक इसकी वजह चीन खुद भी है. दरअसल यह संगठन चीन द्वारा यहां चल रही चीनी पाकिस्तान परियोजना सीपीईसी (China Pakistan Economic Corridor) का विरोध कर रहा है. इसलिए वह चीनी नागरिकों को निशाना बना रहा है. सीपीईसी चीन और पाकिस्तान के बीच एक आर्थिक गलियारा है जो बलूचिस्तान से होकर गुजरता है. बीएलए को लगता है कि इस परियोजना के बन जाने से बलूचिस्तान क्षेत्र का और दोहन किया जाएगा.
पिछले साल BLA ने किए 12 से अधिक हमले
BLA को गुरिल्ला हमले करने महारथ हासिल है. साल 2021 में इसने पाकिस्तान में करीब 12 हमले किए थे. साल 2020 के एक हमले में BLA ने पाकिस्तान के 16 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था. पाकिस्तान कई बार यह आरोप लगा चुका है कि इस संगठन को भारत और अफगानिस्तान सपोर्ट करते हैं.
इस हमले से चर्चा में आई बीएलए
यूं तो बीएलए अब पाकिस्तान में कई हमले कर चुकी है, लेकिन इसने सबसे चर्चित हमला किया था 2012 में. 15 जून 2013 को बीएलए ने पाकिस्तान की एक ऐतिहासिक जगह जिसका नाम कायद-ए-आज़म-रेजिडेंसी है पर हमला किया. इस जगह का इतना महत्व इसलिए है क्योंकि मुहम्मद अली जिन्ना ने अपने जीवन के आख़िरी दिन यहीं बिताए थे. बीएलए ने इस बिल्डिंग को रॉकेट से हमला करके तबाह कर दिया था. BLA ने स्मारक स्थल से पाकिस्तान का झंडा हटाकर BLA का झंडा लगा दिया था.
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