रूस की एक अदालत ने सोमवार को फेसबुक और इंस्टाग्राम को चरमपंथी संगठन करार देते हुए इस पर बैन लगा दिया है. अधिकारियों की ओर से अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज मेटा (पहले फेसबुक) पर यूक्रेन में युद्ध के दौरान 'रसोफोबिया' को सहन करने का आरोप लगाने के बाद ये बैन का फैसला लिया गया था.
टवर्सकोई जिला अदालत ने कहा, "अदालत ने चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम देने को लेकर दो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने के लिए अभियोजकों के अनुरोध पर सहमति दर्ज कर दी, लेकिन मेटा की व्हाट्सएप मैसेंजर सेवा को बैन नहीं किया जाएगा, क्योंकि ये एक सार्वजनिक मंच नहीं है."
मास्को के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप
यह कदम यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई के बीच रूस की ओर से सोशल मीडिया पर नकेल कसने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है. सोमवार की सुनवाई के दौरान रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने मेटा पर संघर्ष के दौरान मास्को के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया.
अदालत से मेटा की गतिविधियों पर बैन लगाने की अपील
रूसी समाचार एजेंसी ने बताया कि एफएसबी के प्रतिनिधि इगोर कोवालेव्स्की ने अदालत को बताया कि मेटा संगठन की गतिविधियां रूस और उसके सशस्त्र बलों के खिलाफ निर्देशित है. उन्होंने कहा कि हम अदालत से मेटा की गतिविधियों पर बैन लगाने और इस फैसले को तुरंत लागू करने की अपील करते हैं.
फेसबुक-इंस्टाग्राम-ट्विटर तक पहुंच को किया गया था ब्लॉक
24 फरवरी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से यूक्रेन में सैनिकों को भेजने के बाद अधिकारियों ने रूस में फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ-साथ ट्विटर तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था.
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