न्यूयॉर्क: फेसबुक के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं, अमेरिकी और ब्रिटेन के समाचार पत्रों में कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल पर माफी मांगने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट अब एंड्रॉएड उपकरणों से फोन नंबर तथा टेक्स्ट मैसेज हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है.


वेबसाइट आरस टेक्निक की खबर के अनुसार फेसबुक द्वारा एकत्रित किया गया डेटा देखने पर यूजर्स ने पाया कि उसमें उनके वर्षों पुराने कॉन्टेक्ट, टेलीफोन नंबर, कॉल की अवधि और टेक्स्ट मैसेज हैं.


फेसबुक ने कहा कि जानकारी सर्वर को सुरक्षित करने के लिए अपलोड की गई और यह केवल उन्हीं यूजर्स की है, जिसकी उन्होंने अनुमति दी है. प्रवक्ता ने बताया कि इस डेटा को यूजर्स के मित्रों को अथवा किसी बाहरी को न तो बेचा गया न ही किसी के साथ साझा किया गया.


कंपनी ने कहा कि उसने टेक्सट मैसेज या कॉल से जुड़ी सामग्री एकत्रित नहीं की. प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक मैसेंजर में कॉन्टेक्ट्स की रैंकिंग के लिए (ताकि उसे ढूंढना आसान हो जाए) और कॉल करने का सुझाव देने के लिए इन जानकारियों का इस्तेमाल किया गया.


'आपकी निजी जानकारी बेचती है फेसबुक'
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व मुख्य सलाहकार व कैम्ब्रिज एनालिटिका के पूर्व अध्यक्ष स्टीव बेनन ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक के 'व्यापार तंत्र' पर निशाना साधते हुए कहा कि फेसबुक लोगों की जानकारी बेचता है. समाचार पत्र 'फाइनेंशियल टाइम्स' द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बेनन ने कहा कि वह राजनीतिक आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी (कैम्ब्रिज एनालिटिका) द्वारा फेसबुक से लिए गए आंकड़ों के बारे में नहीं जानते.