फेसबुक नेताओं को कंटेंट मॉडरेशन नियमों से बचाने वाले अपनी पॉलिसी को बदलने का प्लान बना रही है और इसको लेकर नई पालिसी शुक्रवार को अनाउंस की जा सकती है. यह चेंज, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपनी साइट से बैन करने के फेसबुक के फैसले से जुड़ा हुआ है. फेसबुक अपनी  दो साल से भी कम समय पहले शुरू की पीलिसी से पीछे हट रही है, जब कंपनी ने कहा कि था राजनेताओं के स्पीच को पॉलिश नहीं किया जाना चाहिए.


सूत्रों के अनुसार, बदलाव के तहत राजनेताओं के पोस्ट को समाचार योग्य नहीं माना जाएगा. राजनेता फेसबुक की कंटेंट गाइडलाइंस के अधीन होंगे जो उत्पीड़न, भेदभाव या दूसरे हार्मफुल स्पीच को बैन करती है. 


प्रवक्ता ने बदलाव पर नहीं किया कमेंट
फेसबुक यदि तय करती है कि राजनेताओं का भाषण समाचार योग्य है, तो उसे पुल डाउन से छूट दी जाती है. इसे कंपनी ने 2016 के बाद से एक स्टैंडर्ड तहत इस्तेमाल किया है. शुक्रवार को फेसबुक अपनी नई पॉलिसी का खुलासा करेगी. फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन इस पर कोई कमेंट नहीं किया है. इससे पहले द वर्ज ने पहले फेसबुक के बदलाव की जानकारी दी थी


पहले राजनीतिक स्पीच में हस्तक्षेप नहीं करने की कही थी बात
यह बदलाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फेसबुक के नेताओं ने पहले राजनीतिक स्पीच में हस्तक्षेप नहीं करने का संकल्प लिया था. सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में 2019 के एक भाषण में कहा कि कंपनी स्पीच की मध्यस्थ नहीं होगी "क्योंकि मेरा मानना है कि हमें स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए खडे् रहना चाहिए." फेसबुक के पब्लिक अफेयर्स को लीड करने वाले निक क्लेग ने यभी कहा है था कि प्लेटफॉर्म पर राजनेताओं के सभी स्पीच एक सामान्य नियम के रूप में देखे और सुने जाने चाहिए.  


सांसदों और  सिविल राइट्स एक्टिविस्ट ने भी किया था विरोध
फेसबुक को सांसदों, सिविल राइट्स एक्टिविस्ट और यहां तक कि अपने स्वयं के कर्मचारियों के ज्यादा विरोध का उस समय सामना करना पड़ा, जब ट्रम्प ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल भीड़ को इकट्ठा रने के लिए किया, जिसने 6 जनवरी को यूएस कैपिटल पर अटैक किया. इसके एक दिन बाद फेसबुक ने ट्रम्प को ब्लॉक करने की घोषणा की थी.
 


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