न्यूयॉर्क: फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग ने कहा है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट घृणा भाषण और झूठी जानकारी संबंधी, कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करती हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा. फेसबुक ने तीन नवंबर को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने मंच से दुष्प्रचार रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. इन उपायों में विवादास्पद कंटेंट को रोकना शामिल है.


सैंडबर्ग ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि कंपनी नफरत भरी बातों और झूठी जानकारियों को हटाएगी, भले ही ट्रंप ने वो पोस्ट डाली हों. उन्होंने कहा, "यदि राष्ट्रपति हमारे घृणा भाषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करते हैं या मतदाताओं को लेकर अथवा कोरोना वायरस पर गलत जानकारी देते हैं तो उन पोस्ट को हटाया जाएगा."


फेसबुक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पोस्ट हटा ली थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बच्चे कोविड-19 से लगभग सुरक्षित हैं. इस पोस्ट को ‘गलत सूचना फैलाने’ के तहत चिह्नित कर दिया गया.


फेसबुक पर विज्ञापकों का दबाव नहीं
चुनावी निष्पक्षता बनाए रखने के लिए फेसबुक ने पिछले हफ्ते समर्पित मतदान सूचना केंद्रों की घोषणा की जिसके तहत 2020 में होने वाले चुनाव से पहले अमेरिकी मतदाताओं को मतदान से संबंधित सटीक जानकारी आसानी से उपलब्ध कराई जाएगी. ये 'मतदान सूचना केंद्र' फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मौजूद होंगे.


400 विज्ञापनदाताओं द्वारा फेसबुक का बहिष्कार किए जाने और अपने कर्मचारियों से अशांति का सामना करने के बाद सैंडबर्ग पहले ही यह कह चुके हैं कि कंपनी वित्तीय कारणों या विज्ञापकों के दबाव के चलते भड़काऊ बयानों को रोकने की दिशा में काम नहीं कर रही है बल्कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यही सही है.


ये भी पढ़ें-