पेरिस: आतंकवाद को मुहैया कराए जाने वाले धन की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था ने शुक्रवार को पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में कायम रखा. साथ ही, उसे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को मुहैया कराए जा रहे धन पर रोक लगाने में नाकामी को लेकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी. पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की पांच दिवसीय सभा के बाद यह फैसला लिया गया.


एफएटीएफ ने इस बात का जिक्र किया कि पाकिस्तान को लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के लिये दी गई 27 सूत्री कार्य योजना में वह सिर्फ पांच का ही हल करने में सक्षम रहा. बता दें कि भारत में सिलसिलेवार हमलों के लिये ये दोनों आतंकी संगठन जिम्मेदार रहे हैं.


इस घटनाक्रम से नजदीकी तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक बार फिर से आमराय से यह फैसला लिया गया कि एफएटीएफ पाकिस्तान को ग्रे सूची में बनाये रखेगा और पाकिस्तान को यह चेतावनी दी कि यदि उसने कार्रवाई योजना का पूरी तरह से पालन नहीं किया और महत्वपूर्ण और सतत प्रगति नहीं दिखाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’’


पेरिस के इस निगरानी संगठन ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा था और उसे एक कार्य योजना सौंपते हुए उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने, या ईरान और उत्तर कोरिया के साथ ‘काली सूची’ में डाले जाने के जोखिम का सामना करने को कहा गया था.


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