'आतंक के आका' पाकिस्तान के अगले चार महीने बेहद भारी, नहीं सुधरा तो होगा ये एक्शन
FATF ने पाकिस्तान को जिन 10 पैमानों पर रिकॉर्ड सुधारने को कहा है उनमें से अधिकांश टेरर फंडिंग को लेकर है. एफएटीएफ के मुताबिक पाकिस्तान को कई कमियां दूर करने हैं.
नई दिल्ली: आतंक की फंडिग पर निगरानी रखने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था FATF से पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा. लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया, FATF ने पाकिस्तान को 4 महीने का और समय दिया है. आतंकवाद पर कार्रवाई पर पाकिस्तान के दावों पर उसके सबसे बड़े हिमायती चीन ने ही सवाल खड़े कर दिए.
FATF की पेरिस में हुई बैठक के अध्यक्ष जियांगमिन लू ने कहा, ''हमने पाकिस्तान के टेरर फंडिंग, आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में बहुत ही गंभीर कमजोरी पाई है. पाकिस्तान ने एक्शन प्लान में कुछ प्रगति की है लेकिन अधिकतर मानकों पर उसने कोई काम नहीं किया है.'' इसके साथ ही FATF ने आज पाकिस्तान को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि टेरर फंडिंग और आतंकियों पर जल्दी कार्रवाई करे वरना वो पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने पर मजबूर हो जाएगा. बैठक में FATF ने पाकिस्तान को 27 में से 22 बिंदुओं पर फेल करार दिया है. इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया गया कि फरवरी 2020 तक सुधरो या ब्लैक लिस्ट में जाओ.
ब्लैकलिस्ट में जानें से बचा पाकिस्तान, FATF ने 10 सवालों पर रिकॉर्ड सुधारने को कहा
पाकिस्तान के पास बचा सिर्फ 4 महीने का समय FATF की बैठक में पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद आज ये फैसला हो गया कि अब उसके पास सिर्फ 4 महीने का समय बचा है. इन 4 महीनों में पाकिस्तान को 10 पैमानों पर न सिर्फ काम करना होगा बल्कि उसके सबूत पेश करने होंगे. पाकिस्तान को उन आतंकी गुटों पर कार्रवाई करनी होगी जिन्हें गैरकानूनी तरीके से फंडिंग मिल रही है.
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को ये भी बताना होगा कि टेरर फंडिंग रोकने के लिए उसकी वित्तीय संस्थाओं ने क्या कदम उठाए, साथ ही पाकिस्तान को कैश की गैरकानूनी आवाजाही पर नियंत्रण करना होगा. इस बात के सबूत देने होंगे कि उसने आतंकियों तक फंड पहुंचने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. हालांकि पाकिस्तान को 15 महीने पहले जून 2018 में भी ये कदम उठाने के लिए कहा गया था.
ब्लैकलिस्टेड होने से बचा पाकिस्तान, एफएटीएफ ने दी कार्रवाई की चेतावनी
सभी मोर्चों पर फेल हुए 'नए पाकिस्तान' का सपना दिखाने वाले इमरान खान पाकिस्तान को जब FATF ने ग्रे लिस्ट में डाला था उसके ठीक दो महीने बाद इमरान खान को पाकिस्तान की कमान मिली थी. सख्त कदम उठाने की जगह इमरान खान अर्थव्यवस्था और आतंकवाद सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करते रहे लेकिन काम कुछ नहीं किया. नए पाकिस्तान का दावा करने वाले इमरान खान के सामने पुराने पाकिस्तान को बचाने की ही चुनौती खड़ी हो गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि इमरान खान के सिर्फ एक साल में पाकिस्तान पर 7.5 लाख करोड़ रुपए का नया कर्ज चढ़ गया. हर पाकिस्तानी के सिर पर 3000 हजार रुपए का बोझ लाद दिया गया.
पाकिस्तान को FATF की कड़ी चेतावनी, कहा- फरवरी तक टेरर फंडिंग पर कार्रवाई करो नहीं तो लेंगे एक्शन
अब तक पाक को हुआ 2 लाख 15 हजार 961 करोड़ का नुकसान ग्रे लिस्ट में होने के कारण पिछले 15 महीनों में पाकिस्तान को 2 लाख 15 हजार 961 करोड़ का नुकसान हुआ है. अगले 4 महीनों में पाकिस्तान को 50 हजार 815 करोड़ रुपए का और नुकसान होगा. यानी सिर्फ ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान को 2 लाख 66 हजार करोड़ का नुकसान होगा. ये नुकसान पाकिस्तान के दुनिया भर के लिए कर्जे का 72 फीसदी है.
ब्लैक लिस्ट में आया पाकिस्तान तो क्या होगा? पाकिस्तान आतंकवाद की ब्लैक लिस्ट में आने की कगार पर खड़ा है. FATF की मोहलत के मुताबिक फरवरी 2020 तक अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा. इस लिस्ट में दुनिया का कोई देश नहीं जाना चाहता. ब्लैक लिस्ट में आने का मतलब ये होगा कि दुनिया की कोई भी संस्था पाकिस्तान को एक कौड़ी नहीं देगी. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 10 अरब डॉलर का झटका लगेगा. ब्लैक लिस्ट में गया पाकिस्तान तो IMF, वर्ल्ड बैंक, ADB, EU से वो कर्ज नहीं ले पाएगा. वर्ल्ड बैंक को पाकिस्तान पर इकॉनमी पाबंदी लगानी पड़ेगी. ब्लैक लिस्ट में गया तो विदेशी निवेशक पाकिस्तान में पैसा नहीं लगा पाएंगे.
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