Pakistan On Indian Media: आतंक के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली पैरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) इस हफ्ते होने वाली बैठक में ये फैसला करेगी कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाएगा या नहीं. हालांकि, इससे पहले ही पाकिस्तान ने बयान जारी किया है. पाकिस्तान ने कहा कि हम एफएटीएफ पूर्ण बैठक से पहले भारतीय मीडिया के पाकिस्तान के खिलाफ सुनियोजित द्वेषपूर्ण अभियान को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब एफएटीएफ की आधिकारिक बैठकों से ठीक पहले भारतीय मीडिया के पाकिस्तान के खिलाफ भ्रामक, आधारहीन और मनगढ़ंत प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा है.


पातिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "FATF और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बार-बार पाकिस्तान के AML/CFT शासन में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को स्वीकार किया है. प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने और पाकिस्तान के प्रयासों और उपलब्धियों पर संदेह करने के भारत के उग्र प्रयासों के बावजूद, FATF ने अपनी जून 2022 की पूर्ण बैठक में सहमति व्यक्त की कि पाकिस्तान ने अपनी 2018 और 2021 दोनों कार्य योजनाओं की सभी वास्तविक और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा कर लिया है." 


भारतीय मीडिया पर लगाए गंभीर आरोप


प्रवक्ता ने कहा, "झूठ और दुष्प्रचार की चक्की चलाने वाले भारतीय मीडिया और राज्य के अंगों की कोई विश्वसनीयता नहीं है. उनका पाकिस्तान विरोधी नेरेटिव निराधार और विकृत है. यदि कुछ भी हो, तो ये षडयंत्र केवल भारतीय मीडिया की खोखली साख और इसके संरक्षकों के द्वेष को और उजागर करने का काम करते हैं.


2018 में पाकिस्तान को डाला था ग्रे लिस्ट में


गौरतलब है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स इस हफ्ते होने वाली बैठक में ये फैसला करेगी कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाएगा या नहीं. पाकिस्तान को इस लिस्ट में जून 2018 में शामिल किया गया था. एफएटीएफ की जून की बैठक में कहा गया था कि पाकिस्तान ने दो एक्शन प्लान के सभी 34 पॉइंट पर बड़े पैमाने पर काम किया है. ऐसे में अब पाकिस्तान को इस बात की उम्मीद है कि वह 'ग्रे लिस्ट' से बाहर हो सकता है. वहीं, पाक सूत्रों का दावा है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर सकता है, क्योंकि पाकिस्तान ने वो सब किया है जो एफएटीएफ चाहता था. बता दें कि एफएटीएफ अपना फैसले की शुक्रवार को घोषणा करेगी.


क्या होता है FATF?


ग्रे लिस्टिंग का मतलब है कि FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ उपायों पर अपनी प्रगति की जांच करने के लिए एक देश को निगरानी में रखा है. मार्च 2022 तक, FATF की बढ़ी हुई निगरानी सूची में 23 देश हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर "रणनीतिक कमियों वाले क्षेत्राधिकार" के रूप में जाना जाता है - जिसमें पाकिस्तान, सीरिया, तुर्की, म्यांमार, फिलीपींस, दक्षिण सूडान, युगांडा और यमन शामिल हैं.


ये भी पढ़ें- Liz Truss Resigns: महज 45 दिनों में आउट हुईं ब्रिटिश पीएम लिज ट्रस, एक बार फिर रेस में आए ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन


ये भी पढ़ें- Sudan Tribal Clashes: सूडान में आदिवासियों के 2 गुटों में खूनी झड़प, अब तक 170 लोगों की मौत, कई घायल