FATF Meeting: आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान (Pakistan) की किस्मत का फैसला आगामी 17 जून को हो सकता है. इस दिन ये तय होगा कि पाकिस्तान इस लिस्ट में बरकरार रहेगा या नहीं. जर्मनी की राजधानी बर्लिन (Berlin) में इस दिन FATF की एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट (Grey List) से निकालने को लेकर फैसला किया जा सकता है. 


पाकिस्तान जून 2018 से ही FATF की ग्रे लिस्ट में बरकरार है. इस बार बर्लिन में आयोजित होने वाली FATF की बैठक में पाकिस्तान की किस्मत का फैसला किया जा सकता है. पाकिस्तान के नेताओं को पूरी उम्मीद है कि इस बार उनके देश को इस सूची से बाहर निकाला जाएगा. आपको बता दें कि एफएटीएफ की बैठक 14 जून से लेकर 17 जून तक बर्लिन में होगी. बैठक के आखिरी दिन यानी 17 जून को फोरम ये तय करेगा कि किन देशों को अपनी 'ब्लेक' और 'ग्रे' सूची में रखना है. 


आतंकवाद को बढ़ावा देने की मिली सजा


पाकिस्तान जून 2018 से ही FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल है. पाकिस्तान को इस सूची में आतंकी संगठनों को समर्थन देने के कारण इस सूची में शामिल किया गया है. जिसके कारण पाकिस्तान पर कई प्रकार की आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इस लिस्ट में शामिल होने के कारण पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक (World Bank), एशियाई बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करने में मुश्किलों का सामना कर रहा है. जिसके कारण पाकिस्तान में कई समस्याएं बढ़ गई हैं.


आपको बता दें कि इस सूची से बाहर करने के लिए FATF ने कुछ नियम तय किए हैं जिन्हें पूरा करने पर ही किसी देश को इस लिस्ट से बाहर किया जाता है. इस लिस्ट में शामिल किसी देश ने संस्था द्वारा तय नियमों का पालन किया है, इसका पता लगाने के लिए FATF की टीम हर छह महीने में इन देशों का दौरा करती है. 


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