ब्लैकलिस्ट में जानें से बचा पाकिस्तान, FATF ने 10 सवालों पर रिकॉर्ड सुधारने को कहा
FATF ने पाकिस्तान को जिन 10 पैमानों पर रिकॉर्ड सुधारने को कहा है उनमें से अधिकांश टेरर फंडिंग को लेकर है. एफएटीएफ के मुताबिक पाकिस्तान को कई कमियां दूर करने हैं.
नई दिल्लीः पेरिस में हुई FATF की प्लेनेरी मीटिंग ने पाकिस्तान को काली सूची में तो नहीं डाला लेकिन कई सख्त पैमानों के साथ चार महीने बाद नई परीक्षा के लिए तैयार रहने को कहा है. आतंक की आर्थिक रसद काटने और मनी लॉन्ड्रिंग की नकेल कसने के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन FATF ने पाक को ग्रे-लिस्ट में बरकरार रखते हुए फरवरी 2020 तक 10 पैमानों पर अपनी कामयाबी के सबूत दिखाने के लिए कहा है.
पाकिस्तान को जिन 10 पैमानों पर अपना रिकॉर्ड दुरुस्त करने को कहा है उनमें से अधिकतर टेरर फाइनेंसिंग से जुड़े हैं. एफएटीएफ के मुताबिक पाक को निम्नांकित कमियां दूर करने के लिए अभी और प्रयास करने की ज़रूरत है.
1. आतंकी समूहों की मौजूदगी के कारण होने वाले टेरर फाइनेंसिंग के खतरे के प्रति अपनी समझ को दर्शाना होगा. साथ ही इन खतरों के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर निगरानी करनी होगी.
2. यह बताना होगा कि मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग की रोकथाम के लिए वित्तीय संस्थाओं द्वारा सुधार और नियंत्रण के ज़रूरी कदम उठाए गए हैं.
3. यह दर्शना होगा कि सभी प्राधिकृत संस्थाएं अवैध धन और वेल्यू ट्रांसफर को रोकने के लिए सहयोग और रही हैं और ज़रूरी नियंत्रक कदम उठा रही हैं.
4. दिखाना होगा कि अभी अधिकृत संस्थाएं कैश कूरियर की पहचान कर नकदी की गैरकानूनी आवाजाही रोकने के लिए नियंत्रण कर रही हैं.
5. टेरर फाइनेंसिंग से लड़ने के लिए प्रांतीय और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल सुधारना और बेहतर सामंजस्य बनाना होगा.
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6. यह दिखाना होगा कि लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियां व्यापक पैमाने पर टेरर फाइनेंसिंग की पहचान कर उनकी जांच कर रही हैं और चिह्नित आतंकियों व गुटों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.
7. दर्शाना होगा कि टेरर फाइनेंसिंग मामलों में हो रही कार्रवाई का नतीजा प्रभावी, अनुपातिक और अतंकियों को हतोत्साहित करने वाली कार्रवाई के रूप में हो रहा है. साथ ही इसके लिए काम करने वाले अभियोक्ता और न्यायपालिका के अधिकार बढ़ाए गए हैं.
8. दिखाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 और 1373 के तहत प्रतिबंधित आतंकियों व संगठनों व उनके लिए काम करने वालों के खिलाफ सटीक वित्तीय प्रतिबंधात्मक कार्रवाई हो रही है. इसमें उनकी धन उगाही और धन उपलब्धता रोकना शामिल है.
9. टेरर फाइनेंसिंग मामलों में पाबिंदियों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक और आपराधिक कार्रवाई हो रही है तथा केन्द्र व प्रांतीय एजेंसियां इसके लिए सहयोग कर रही हैं.
10. यह दिखाएं की चिह्नित आतंकवादी और उनके संगठन अर्थिक संसाधनों से वंचित है और उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
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