दक्षिणी इंग्लैंड के वोकिंग में अपने घर के बिस्तर पर 10 वर्षीय पाक-ब्रिटिश लड़की सारा शरीफ का शव अगस्त पिछले साल मिला था. सारा के शरीर पर हड्डियों के टूटने, काटने और जलने के निशान पाए गए, जो किसी भयानक यातना की ओर इशारा करते थे. इस घटना के बाद सारा के पिता, सौतेली मां और चाचा पर हत्या का आरोप लगा, जिन्होंने सारा की मौत के एक दिन बाद पाकिस्तान भागकर शरण ली थी.


तीनों अभियुक्तों का आरोप से इनकार

42 वर्षीय उर्फान शरीफ, उसकी 30 बरस की पत्नी बेनिश बटूल और 29 बरस के चाचा फैसल मलिक ने सितंबर में ब्रिटेन लौटकर अक्टूबर से चल रहे मुकदमे में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. हालांकि, कोर्ट में उर्फान ने स्वीकारा कि सारा की मौत उसके कारण हुई थी, लेकिन उसने कहा कि उसका सारा को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था. उसने सारा को चोट पहुंचाने की बात तो मानी, लेकिन इसके पीछे की वजह डर और गुस्सा बताया.


'जान लेने की नहीं थी मंशा'


बुधवार (6 नवंबर 2024)  को सुनवाई में उर्फान ने बताया कि उसने सारा को कई बार क्रिकेट बैट से मारा था. उसके शरीर पर बंधने के निशान भी पाए गए, और उसके गले की हड्डी टूट गई थी. उर्फान ने स्वीकार किया कि उसने अगस्त में सारा को बुरी तरह पीटा था, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई थी. उसने दावा किया कि उसकी मंशा सारा की जान लेने की नहीं थी, बल्कि उसने उसे अनुशासन को वजह से मारा था.


उर्फान ने बताया कि घर छोड़ने से पहले उसने एक पत्र लिखा था जिसमें उसने सारा की मौत की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन उसने अदालत में बताया कि यह पत्र उसकी पत्नी बटूल के कहने पर लिखा गया था. उसने अपनी अन्य संतानों को बचाने के लिए यह जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी. इसके अलावा, वह घर की चाबी भी दरवाजे के नीचे छोड़कर गया था ताकि पुलिस दरवाजा तोड़ने की जरूरत न पड़े.


ब्रिटेन छोड़ने के एक दिन बाद उर्फान ने इस्लामाबाद से ब्रिटिश पुलिस को फोन कर बताया कि उसने सारा को अनुशासन के लिए मारा था जिससे उसकी मौत हो गई. उसने पुलिस को बताया कि उसने सारा को सजा दी थी और वह मारे जाने के बाद भी उसकी मौत से बेहद दुखी था. उसने यह भी कहा कि उसे पुलिस को सारा के बारे में जानकारी देने का इरादा था.


बचपन से यातना की शिकार थी सारा 


कोर्ट में व्हाट्सएप संदेशों के आधार पर पता चला कि सारा की सौतेली मां बटूल ने अपने बहन को बताया था कि सारा को उर्फान ने कई बार पीटा था. एक संदेश में बटूल ने लिखा था कि सारा "गंभीर रूप से घायल और काले-नीले धब्बों से ढकी हुई" थी. उसने कहा कि सारा में एक जिन्न है, जो उसे गुस्सा दिला रहा है.


अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि सारा की मौत से चार महीने पहले उसके पिता ने स्कूल को बताया था कि वह उसे होमस्कूलिंग देने का निर्णय ले रहा है. इसी दौरान, स्कूल के शिक्षकों ने उसके शरीर पर चोटों के निशान देखे थे. शिक्षिका हेलेन सिमंस ने अदालत में बताया कि सारा एक खुशमिजाज बच्ची थी, लेकिन कुछ समय बाद उसके चेहरे पर चोट के निशान देखे गए. स्कूल ने बच्चों की सुरक्षा सेवाओं को इसकी सूचना दी थी.


पड़ोसियों ने सुनी चीखें सारा के पड़ोसी रेबेका स्पेंसर ने भी गवाही दी कि वह अक्सर बटूल को सारा पर चिल्लाते हुए सुनती थी. स्पेंसर ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता था कि सारा को किसी कमरे में बंद कर दिया गया था, और वह दरवाजा खोलने की कोशिश में थी.


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