यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन के रेग्युलेटर्स ने क्लासिफाइड एडवर्टाइजिंग मार्केट (classified advertising market) में प्रतिस्पर्धा नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) के खिलाफ जांच शुरू की है. जांच में इस बात का पता लगाया जाएगा कि कंपनी ने प्रतिस्पर्धी सेवाओं के जरिए प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्रतिस्पर्धा बिगाड़ने में तो नहीं किया.


यूरोपीय संघ के एग्जीक्यूटिव कमीशन ने शुक्रवार को कहा कि वह यह भी जांच करेगा कि जिस तरीके से फेसबुक ने अपने खुद की क्लासिफाइड एड सर्विस मार्केटप्लेस को सोशल नेटवर्क से संबद्ध किया है, इससे क्या उसे ग्राहकों तक पहुंचने में लाभ मिल रहा है और ईयू के प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. यूरोपीय संघ के नियामकों की इस इस जांच को बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के दबदबे पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.






फेसबुक नेताओं की पोस्ट के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट को करेगी खत्म


इधर, फेसबुक नेताओं को कंटेंट मॉडरेशन नियमों से बचाने वाले अपनी पॉलिसी को बदलने का प्लान बना रही है और इसको लेकर नई पालिसी शुक्रवार को अनाउंस की जा सकती है. यह चेंज, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपनी साइट से बैन करने के फेसबुक के फैसले से जुड़ा हुआ है. फेसबुक अपनी  दो साल से भी कम समय पहले शुरू की पीलिसी से पीछे हट रही है, जब कंपनी ने कहा कि था राजनेताओं के स्पीच को पॉलिश नहीं किया जाना चाहिए.


सूत्रों के अनुसार, बदलाव के तहत राजनेताओं के पोस्ट को समाचार योग्य नहीं माना जाएगा. राजनेता फेसबुक की कंटेंट गाइडलाइंस के अधीन होंगे जो उत्पीड़न, भेदभाव या दूसरे हार्मफुल स्पीच को बैन करती है. 


फेसबुक यदि तय करती है कि राजनेताओं का भाषण समाचार योग्य है, तो उसे पुल डाउन से छूट दी जाती है. इसे कंपनी ने 2016 के बाद से एक स्टैंडर्ड तहत इस्तेमाल किया है. शुक्रवार को फेसबुक अपनी नई पॉलिसी का खुलासा करेगी. फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन इस पर कोई कमेंट नहीं किया है. इससे पहले द वर्ज ने पहले फेसबुक के बदलाव की जानकारी दी थी.


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