कोलंबोः श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में गुस्से का माहौल है. हमले के बाद से श्रीलंका के मुसलमान डरे हुए हैं. वहीं बौध धर्म के संत लोगों को मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. बौध संत इस बात को लेकर भी लोगों को उकसा रहे हैं कि एक मुस्लिम डॉक्टर ने हजारों बौद्ध महिलाओं की नसबंदी कर दी थी.
कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों ने कहा कि पिछले हफ्ते वारकागोड़ा श्री ज्ञानरत्न थेरो ने एक भाषण दिया. इस भाषण से लोगों के बीच टेंशन पैदा करने की कोशिश की गई. यह भाषण ऐसे समय में दिया गया है जब हाल ही में बौध धर्माबलंबियों ने मुसलमानों के घरों और उनके दुकानों पर हमला किया था.
बौध संत ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों के बाद मारे गए लोगों के बाद इस तरह की अपील कर रहे हैं. ईस्टर के दिन हुए बम धमाकों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी. श्रीलंका के अधिकारियों ने दो छोटे मुस्लिम समूहों पर हमले का आरोप लगाया था.
मामला तब और ज्यादा बढ़ गया जब हाल ही में एक डॉक्टर पर आरोप लगा कि उसने 4 हजार बौध महिलाओं की नसबंदी कर दी. "कुछ महिलाओं ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों को पत्थर मार दिया जाना चाहिए. मैं ऐसा नहीं कहता. लेकिन, यही होना चाहिए."
असगिरिया समुदाय के प्रमुख ने कहा कि मुस्लिम स्वामित्व वाले रेस्तरां का बहिष्कार किया जाए. बता दें कि असगरिया समुदाय सबसे पुराना समुदाय है. असगरिया समुदाय ने ऐलान करते हुए कहा है कि मुस्लिम रेस्तरां ने अपने बौद्ध ग्राहकों को भोजन परोसा जिसमें बच्चा पैदा न करने की दवा मिली हुई थी.
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