Pakistan Crisis: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में एक ओर आतंकी हमलों का खौफ रहता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक बदहाली से भी आवाम बेहाल है. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था (Pakistan economy) चौपट होती जा रही है. ऐसे में यहां ज्यादा पढ़े लिखे युवा यह मुल्क छोड़कर विदेश जा रहे हैं और वहीं रह रहे हैं. बहुत से युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए अब पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रहा है. इसीलिए तो पिछले एक साल में यहां के 8 लाख युवाओं ने मुल्क छोड़ दिया.
मुल्क छोड़कर जा रहे पाकिस्तानी युवा
गैलप के एक सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तानी युवा कम उम्र में ही विदेश जाकर नौकरी पाना चाहता है. यहां 30 साल तक की उम्र का हर 3 में से 1 पाकिस्तानी ऐसा ही सोचता है. वहीं, यूनिवर्सिटी में पढ़े बच्चों में यह ट्रेंड 50% है. एक रिपोर्ट में बताया गया कि, पिछले साल 8 लाख पाकिस्तानी युवकों ने पाकिस्तान को अलविदा कह दिया. इन युवाओं में से अधिकतर ने कनाडा का रुख किया. बताया जा रहा है कि कनाडा यहां के शिक्षित युवाओं का पसंदीदा ठिकाना बनकर उभरा है, जहां विदेशियों को काफी तरजीह दी जा रही है.
पाकिस्तानी हुक्मरानों ने जताई चिंता
पाकिस्तानी से विदेश जा रहे युवाओं पर पाकिस्तानी मंत्री अहसान इकबाल ने एक बयान चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'इतने बड़े पैमाने पर युवाओं का देश छोड़कर जाना बहुत चिंता की बात है.' वहीं, पाकिस्तानी पीएम विदेशी नेताओं से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं.
रिकॉर्ड तोड़ मंहगाई से घर चलाना हुआ मुश्किल
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तानी युवकों को पाकिस्तान में अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. यहां एक ओर रिकॉर्ड तोड़ मंहगाई से लोगों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है और सुविधाएं काफी कम हैं. वहीं दूसरी ओर टीटीपी जैसे आतंकी संगठनों के खूनी हमलों से परेशान होकर भी युवा यहां नहीं रहना चाहते. युवा बेहतर नौकरी और सुरक्षित जगह की तलाश में विदेश चले गए हैं.
तेजी से बढ़ रही विदेश जाने वालों की संख्या
हैरानी की बात यह है कि पिछले साल 8 लाख से ज्यादा युवाओं के चले जाने का आंकड़ा साल 2019 में गए 6,25,876 और उससे पहले 382,439 गए युवाओं से काफी ज्यादा रहा है.
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