Philippines-China Conflict: पिछले कुछ समय में चीन और फिलीपींस के बीच कई बार टकराव देखने को मिला है लेकिन इस बार फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को खुली चुनौती दी है. राष्ट्रपति फर्डिनेंड ने रविवार (23, जून) को कहा कि उनका देश किसी से भी नहीं डरेगा, लेकिन युद्ध भड़काने का काम भी नहीं करेगा.


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति मार्कोस ने रविवार को अपने भाषण में कहा, "वह शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में हैं, लेकिन चीन के साथ नौसैनिक टकराव के बाद वे डरने वाले नहीं हैं. देश की रक्षा करते हुए अपने फिलीपींस स्वभाव के प्रति सच्चे हैं कि हम इन सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहते हैं.''


राष्ट्रपति ने दी चीन को चेतावनी


राष्ट्रपति मार्कोस ने पुनः आपूर्ति मिशन में भाग लेने वाले 80 नाविकों को पदक प्रदान किए और उनसे राष्ट्र की रक्षा के अपने कर्तव्य को पूरा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि स्थिति खतरनाक हो गई है. मार्कोस ने अपने भाषण में चीन का नाम लिए बिना कहा, "हम कभी किसी से डरेंगे या किसी से दबे नहीं रहेंगे.'' हालांकि, मनीला और बीजिंग में चीनी अधिकारियों ने मार्कोस की टिप्पणी पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है.


चीनी सेना ने किया था फिलीपींस नौसेना पर हमला


दरअसल, बीते सोमवार को सेकंड थॉमस शोल के पास हिंसक झड़प हुई थी. चीनी सेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में चाकू, कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से फिलीपींस नौसेना कर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था और कम से कम दो सैन्य नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस झड़प में एक फिलीपींस नाविक को अपना अंगूठा खोना पड़ा. इसके अलावा फिलीपींस ने चीनी तटरक्षक नाविकों पर बंदूकें समेत दूसरे जरूरी सामान को चुराने या उन्हें नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया था.


कई देशों ने की घटना की निंदा


इस घटना की अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य पश्चिमी व एशियाई देशों ने निंदा की थी. हालांकि, चीन और फिलीपींस ने एक-दूसरे पर इस मुद्दे को भड़काने का आरोप लगाया. साथ ही फिलीपींस ने हथियार लौटाने की मांग की थी.


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