अमेरिका: सोशल मीडिया मंचों पर पहुंच बढ़ाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच मुकाबला
अमेरिका में जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन सोशल मीडिया मंचो पर निर्भर हैं. दोनों ही उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
वाशिंगटन: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अपनी-अपनी प्रचार मुहिमों के लिए सोशल मीडिया मंचों पर निर्भर हैं. ऐसे में दोनों उम्मीदवार इन मंचों के जरिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने की भरसक कोशिश कर रहे हैं.
बाइडन से ज्यादा हैं ट्रंप के फॉलोवर्स
ट्रंप फेसबुक पर अपने चुनाव प्रचार मुहिम अकाउंट के जरिए रोजाना औसतन 14 पोस्ट अपने दो करोड़ 80 लाख फॉलोवर्स को भेजते हैं जबकि उनके डेमोक्रिटक प्रतिद्वंद्वी बाइडेन के मात्र 20 लाख फोलोवर्स हैं. इसी प्रकार बाइडेन की तुलना में ट्रंप की अन्य सोशल मीडिया मंचों पर पहुंच और फोलोवर की संख्या बहुत अधिक है. ऐसे में बाइडेन ने सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. वहीं ट्विटर पर ट्रंप के आठ करोड़ 24 लाख और बाइडेन के 64 लाख फोलोवर हैं.
जून में बाइडेन ने खर्च की ट्रंप से ज्यादा रकम
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मीम बनाने वाले और राजनीतिक रूप से प्रभावित करने वाले लोगों की डिजिटल ‘‘सेना’’ तैयार करने में सालों लगाए हैं. ये लोग ट्रंप चुनाव प्रचार मुहिम के संदेशों को रोजाना सैकड़ों बार रिट्वीट करते हैं. गूगल और यूट्यूब पर ट्रंप बाइडेन की तुलना में तिगुना धन खर्च कर रहे हैं.
बाइडेन और उनके सहयोगी अपना सोशल मीडिया बल तैयार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. जून में पहली बार ऐसा हुआ, जब बाइडेन ने फेसबुक पर विज्ञापन के लिए ट्रंप की तुलना में अधिक राशि खर्च की. उनकी चुनाव प्रचार मुहिम ऑनलाइन चंदा एकत्र करने के लिए इंटाग्राम समर्थकों को भर्ती कर रही है.
ट्रंप से काफी पीछे हैं बाइडेन
बाइडेन की एक योजना के तहत टिकटॉक के सैंकड़ों किशोरों ने ट्रंप की हालिया ओकलाहोमा प्रचार रैली के लिए टिकट बुक किए और रैली शुरू होने से पहले लोगों की संख्या कृत्रिम रूप से बढ़ाई, जिसके कारण ट्रंप की रैली में उम्मीद के मुताबिक लोग एकत्र नहीं हुए. बाइडेन की तमाम कोशिशों के बावजूद वे अब भी ट्रंप से पीछे हैं. डिजिटल कंपनी ‘एक्रोनिम’ की संस्थापक तारा मैक्गोवान ने कहा, ‘‘बाइडेन और ट्रंप के बीच इस समय विभिन्न चुनौतियां हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप को अपने आधार को बचाने की आवश्यकता है और बाइडेन को नए मतदाताओं और संभावित समर्थकों के बीच पैठ बनानी है.’’ हालांकि ट्विटर, स्नैपचैट, रेडिट और फेसबुक समेत कई सोशल मीडिया मंचों ने घृणा पैदा करने वाले भाषणों और भ्रामक जानकारी देने वाले संदेशों के खिलाफ कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिसके कारण ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम को काफी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें-
दिल्ली दंगाः स्पेशल सेल की स्टेटस रिपोर्ट में खुलासा- एक आरोपी को मिली थी विदेशी फंडिंग
जम्मू कश्मीर: कुलगाम के आरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक आतंकी ढेर