India Fiji Friendship: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार (16 फरवरी) को फिजी के पीएम से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान बातचीत के बाद फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका (Sitiveni Rabuka) ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भारत को पुराना दोस्त बताया.
वही, बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि भारत (India) और फिजी (Fiji) ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर बेहद करीब हैं. इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (15 फरवरी) को नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिस्सा लिया था.
फिजी के पीएम ने भारत को बताया पुराना दोस्त
भारत और फिजी के बीच वीजा में छूट के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए. जयशंकर की ओर से राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट समझौते की घोषणा के बाद फिजी के पीएम सिटिवेनी ने भारत को शुक्रिया अदा किया. फिजी पीएम ने भारत को पुराना दोस्त बताया. उन्होंने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी बड़ी ताकत और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है. भारत हमेशा जरूरत के समय हमारे साथ खड़ा रहा. कोरोना संकट के दौरान भारत ने हमें वैक्सीन से मदद दी.
वीजा छूट को लेकर फिजी के पीएम क्या बोले?
फिजी के पीएम ने कहा कि यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत हमेशा एक विशेष मित्र और विश्वसनीय भागीदार रहेगा. वीजा छूट पर उन्होंने कहा कि इलाज, शिक्षा के लिए बहुत सारे फिजी यात्री भारत जा रहे हैं. हमें निश्चित रूप से लाभ होगा. यह अहम सहयोग है. मुझे विश्वास है कि हम अपने सहयोग को गहरा करने के लिए इस तरह की कई और पहल करेंगे. भारत और फिजी में राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारक अब 90 दिनों से अधिक की अवधि के लिए बिना वीजा के एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे.
चीन से संबंधों पर फिजी PM ने क्या कहा?
फिजी के पीएम राबुका ने चीन के साथ संबंधों के बारे में पूछे गए सवालों को टालने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करना बुरा है जो यहां मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में वास्तव में कोई नया मित्र नहीं है. भारत के साथ पुरानी दोस्ती. हम अपने संबंध जारी रखेंगे. यह कहते हुए खुशी है कि भारत हमेशा एक भरोसेमंद भागीदार रहेगा.
एस जयशंकर ने क्या कहा?
इस बीच, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और फिजी के घनिष्ठ और दीर्घकालिक संबंधों की प्रशंसा की और उदाहरण के तौर पर कोविड महामारी के दौरान सहायता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे राष्ट्र निर्माण वाले क्षेत्रों में फिजी की मदद करना हमारे लिए खुशी की बात है. हम अक्षय ऊर्जा और उद्योगों को आईटी सपोर्ट उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रहे हैं. उन्होंने 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी के लिए फिजी को धन्यवाद भी दिया.
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