(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पाकिस्तानी मीडिया ने कहा- एफएटीएफ का अनुपालन पाकिस्तान के लिए है जरूरी
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखते हुए कहा कि इस्लामाबाद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे उनके सरगनाओं पर कानूनी कार्रवाई करनी होगी.
धन शोधन और आतंकवाद को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाले संगठनों पर लगाम लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ का अनुपालन पाकिस्तान के लिए आवश्यक होगा. पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार को यूरोपीय संघ का हवाला देते हुए बताया है. गौरतलब है कि इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखते हुए कहा कि इस्लामाबाद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे उनके सरगनाओं पर कानूनी कार्रवाई करनी होगी.
एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए. पेरिस स्थित एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा कि डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया.
Financial Action Task Force (FATF) compliance is a must for Pakistan, reports Pakistan media quoting European Union (EU).
— ANI (@ANI) June 29, 2021
प्लेयर ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, “इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट” (निगरानी की सूची) में रहेगा जिसे ‘ग्रे सूची’ के नाम से भी जाना जाता है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान को 2018 में जिन 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया गया उसमें से 26 पर कार्रवाई की गई है.
उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करे. पाकिस्तान में रह रहे इन आतंकवादियों में जैश ए मोहम्मद का सरगना अजहर, लश्कर ए तय्यबा का संस्थापक सईद और उसका ‘ऑपरेशनल कमांडर’ जकीउर रहमान लखवी शामिल है. अजहर, सईद और लखवी, 26/11 मुंबई हमला और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमलों समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं जिसके कारण भारत को उनकी तलाश है.
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपने धन शोधन रोधी कानून में संशोधन कर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना चाहिए जिससे उसकी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर किया जा सके. पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे सूची’ में डाला गया था और एक कार्य योजना दी गई थी जिसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था. तभी से पाकिस्तान एफएटीएफ के नियमों का पालन नहीं कर रहा है और ‘ग्रे सूची’ में बरकरार है.
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