फिनलैंड की वायुसेना ने अपने प्रतीक चिन्ह से हटाया स्वास्तिक का निशान, जानें क्या है इसकी वजह
हजारों सालों से स्वास्तिक के निशान का इस्तेमाल भारत समेत अनेक देशों में हुआ है. लेकिन जर्मनी में हिटलर के उदय के बाद पश्चिम में स्वास्तिक के निशान को लेकर लोगों की धारणा बदल गई.
नई दिल्ली: फिनलैंड की वायुसेना ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने प्रतीक चिन्ह से स्वास्तिक निशान को हटा दिया है. बता दें फिनलैंड की वायुसेना का प्रतीक चिन्ह दो पंखों के साथ स्वास्तिक का निशान था.
खास बात यह है कि वायुसेना ने बिना किसी घोषणा के स्वास्तिक के निशान का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. लंबे समय तक यह स्वास्तिक का निशान वायुसेना के प्रतीक चिन्ह में लगा रहा लेकिन इसे हिटलर के नाजीवाद और उसकी क्रूरता के साथ जोड़कर देखा जाता था.
हालांकि, फिनलैंड की वायुसेना जर्मनी में हिटलर के दौरे के पहले से स्वास्तिक निशान का इस्तेमाल कर रही थी. 1918 में फिनिश वायुसेना का गठन हुआ था, तभी से वो स्वास्तिक का इस्तेमाल कर रहे थे. फिनलैंड के हवाई जहाजों पर साल 1945 तक सफेद बैकग्राउंड पर नीले स्वास्तिक चिन्ह इस्तेमाल किया जाता था. दूसरे विश्व युद्ध में फिनलैंड ने जर्मनी का साथ दिया था, हालांकि स्वास्तिक के निशान का उद्देश्य कहीं से भी नाजी के प्रति समर्थन दिखाना नहीं था.
1920 में हिटलर ने स्वास्तिक के निशान को अपनाया बता दें स्वास्तिक का इतिहास सदियों पुराना है और भारत समेत दुनिया की कई सभ्यताओं में इसका इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन 1920 में हिटलर ने इसे अपनी नेशनल सोशलिस्ट पार्टी का चिन्ह बना दिया. जिसके बाद पश्चिम में स्वास्तिक को लेकर लोगों की धारण बदल गई. दरअसल स्वास्तिक निशान, हिटलर की क्रूरता का प्रतीक समझा जाने लगा. इसे यहूदी विरोधी चिन्ह के तौर पर देखा जाने लगा.
फिनलैंड की वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद स्वास्तिक को हवाई जहाजों से हटा दिया गया. लेकिन वायुसेना में फिर भी इसका इस्तेमाल होता रहा. दरअसल वायुसेना के कुछ यूनिट ने प्रतीक चिन्हों के तौर पर, झंडों या सजावट के लिए और वर्दियों पर इसका इस्तेमाल जारी रखा. वायुसेना कमांड का प्रतीक चिन्ह जनवरी 2017 से ही वायुसेना के सर्विस प्रतीक चिन्ह से मिलता जुलता है- एक सुनहरे चील के साथ पंखों का एक चक्र. प्रवक्ता के मुताबिक यूनिट के प्रतीक चिन्ह को वर्दियों पर पहना जाता है. पुराने प्रतीक का उपयोग जारी रखना अव्यावहारिक और अनावश्यक माना जाता रहा था, जो समय-समय पर गलतफहमी पैदा करता था. ”
स्वीडन के नागरिक की वजह से फिनिश वायुसेना को मिला स्वास्तिक का निशान फिनिश वायुसेना तक स्वास्तिक के निशान को पहुंचाने का श्रेय स्वीडन के नागरिक को जाता है. एरिक वॉन रोजेन स्वास्तिक का इस्तेमाल ख़ुद के लिए एक भाग्यशाली प्रतीक के तौर पर करते थे. उन्होंने 1918 में अपने पड़ोसी देश फिनलैंड को एक विमान भेंट किया था. विमान पर नीले रंग का स्वास्तिक अंकित था. यह विमान फिनिश वायु सेना का पहला विमान था. इसके बाद 1945 तक सभी विमानों में उनका नीला स्वस्तिक चिन्ह बनाया जाने लगा.
फिनलैंड की वायु सेना का कहना है कि वॉन रोजेन का प्रतीक होने की वजह से स्वस्तिक कुछ वायु सेना इकाई के झंडों और सजावटों का हिस्सा बना रहेगा लेकिन केंद्रीय वायु सेना कमांड का हिस्सा नहीं रहेगा. गौरतलब है कि फिनिश एयर फोर्स अकादमी के प्रतीक में अभी भी स्वास्तिक का चिन्ह है, जिसके साथ पंख लगे हुए हैं.
इस बदलाव पर सबसे पहले हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर तेइवो तैवैने ने ग़ौर किया था. उनका कहना है कि उन्होंने कभी यह तर्क नहीं दिया था कि फिनलैंड में स्वास्तिक को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. बता दें जर्मनी में स्वास्तिक को बैन किया गया था. उनका कहना है कि वायुसेना का कर्तव्य देश की रक्षा करना है न कि किसी पुराने प्रतीक की रक्षा करना. वह इस बात को लेकर भी चिंतित थे कि यह फिनलैंड के युवाओं का सेना के प्रति रवैये को प्रभावित कर सकता है.
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