(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nepal Agniveer : नेपाल में अग्निवीर योजना के तहत इसी महीने होगी पहली भर्ती, लोगों में चिंता
Agniveer's First Recruitment : भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की सात रेजिमेंट तथा 39 बटालियन हैं. छह रेजिमेंट आजादी के पहले से ही चली आ रही हैं.
Nepal Agnipath Scheme : भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों का योगदान और उनकी बहादुरी के चर्चे काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं. लेकिन अब भारत सरकार ने नेपाल में अग्निवीर योजना के तहत सैनिक भर्ती करने की तैयारी की है. जिसे लेकर नेपाल के युवाओं में काफी चिंता देखने को मिल रही है.
अगस्त के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने वाली रैली भर्तियों को लेकर कई वेबसाइट ने तारीखें घोषित कर दी हैं. भारत-नेपाल के बीच सेना को लेकर काफी पुराने रिश्ते चले आ रहे हैं.
यूं तो भारत व नेपाल के संबंध काफी पुराने चले आ रहे हैं. लेकिन 1950 में भारत-नेपाल के मध्य शांति एवं मात्री की संधि हुई. जिसके बाद नेपाल के साथ विशिष्ट संबंध की शुरुआत हुई.
इसी संधि के तहत नेपाली नागरिकों को भारतीय नागरिकों के समान भारत में सुविधाएं और अवसर प्राप्त होते हैं. जिसका लाभ नेपाल के वाशिंदे जोर शोर से भी उठाते हैं. वर्तमान में लगभग 60 लाख नेपाली नागरिक भारत में रहते और काम करते हैं. भारत-नेपाल संयुक्त आयोग सहित कई द्विपक्षीय संस्थागत संवादतंत्र भी विकसित किया गया है. जिसकी अध्यक्षता भारत व नेपाल के विदेश मंत्री करते हैं.
सेना में 7 रेजिमेंट और 39 बटालियन हैं
भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की सात रेजिमेंट तथा 39 बटालियन हैं. छह रेजिमेंट आजादी के पहले से ही चली आ रही हैं. इनमें करीब 32 हजार गोरखा जवान कार्यरत हैं. 75 फीसदी गोरखा नेपाली मूल के हैं. जबकि शेष भारतीय हैं.
2015 के बाद से नहीं बनी गोरखा बटालियन
2015 के बाद से कोई नई गोरखा बटालियन नहीं बनाई गई. जो भर्तियां होती रहती थीं. उन्में गोरखा उम्मीदवार घटने लगे थे. सूत्रों मुताबिक अग्निवीर के रूप में भर्ती होने के लिए गोरखाओं का उत्साह कैसा रहता है, यह अगले कुछ दिनों में पता चल पाएगा.
4.78 लाख करोड़ से बढ़कर 5.25 लाख हुआ रक्षा बजट
भारतीय सेना के लिए केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ कर दिया है. जो पिछले साल 4.78 लाख करोड़ रुपये था. पिछले वर्ष के मुकाबले यह बजट दस फीसदी ज्यादा है. कुल रक्षा बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये सेनाओं के आधुनिकीकरण पर खर्च किया जाएगा. वहीं डिफेंस क्षेत्र में जो भी रकम रक्षा खरीद के लिए खर्च किया जाएगा. उसमें से 68 फीसदी रकम घरेलू और देसी डिफेंस कंपनियों से ही खरीदी जा सकेगी.
गोरखाओं की वार्षिक पेंशन करीब 4,000 करोड़ रुपये
नेपाली गोरखाओं के लिए भारत सरकार चार हजार करोड़ रुपये वार्षिक पेंशन देती है. सेवारत सैनिक भी हर साल 1,000 करोड़ रुपये अपने घर भेजते हैं.
नई भर्ती का तुरंत आंकलन करना मुश्किल, बड़े पैमाने पर है बेरोजगारी
नेपाल में रहे भारत के पूर्व राजदूत रंजीत राय ने कहा है कि नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिए यह भर्ती काफी लाभदायक होगी. उनका कहना है कि नेपाल में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है. अधिकतर युवा दूसरे देशों में काम करने के लिए जाते हैं. गांवों में सिर्फ बुजुर्ग और महिलाएं ही बचे हुए हैं. नई भर्ती के प्रभाव का तुरंत आंकलन नहीं किया जा सकता है. हालांकि भारत की तरह नेपाल में भी पहली अग्नीवीर भर्ती योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया निराशाजनक रही.