Protest Against Hijab: ईरान (Iran) में हिजाब (Hijab) के विरोध की आवाज अब और तेज हो गई है और ये 12 शहरों में गूंज रही है. हिजाब नहीं पहनने को लेकर मॉरल पुलिस (Moral Police) कस्टडी में 22 साल की माशा अमीनी की मौत हो गई थी, जिसके विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं. राजधानी तेहरान (Tehran) की यूनिवर्सिटी में छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की और कक्षाओं का भी विरोध किया.
यूनिवर्सिटी के छात्र भी इन छात्राओं के समर्थन में आ गए और उन्होंने ने भी नारेबाजी की. हिजाब का सबसे ज्यादा विरोध कुदिंस्तान प्रांत में हो रहा है. कुदिंस्तान, उर्मिया, खरेमनशाह, कोम रश्त सहित 12 शहरों में इसका विरोध देखने को मिला है. इन शहरों में स्कूल, दफ्तर और बाजार बंद कर दिए गए. इतना ही नहीं वहां पर इस्लाम धर्म के सर्वोच्च नेता खामेनई खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई. ईरान में ये पहली बार है कि इस्लाम के किसी सर्वोच्च नेता का इतने बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है.
प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग, इंटरनेट सेवाएं बंद
सरकार ने कई शहरों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग भी की है जिसमें 5 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि 85 घायल हुए हैं. इसके अलावा लगभग 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ईरान सरकार ने विरोध को देखते हुए तेहरान सहित कई शहरों में 50 हजार अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया है.
खामेनई का बेटा मुज्तबा है मास्टरमाइंड
ईरान (Iran) के मामलों के जानकारों का मानना है कि हालिया विरोध का कारण सर्वोच्च नेता खानेनई (Khanenae) का बेटा मुज्तबा भी है. हिजाब (Hijab) की सख्ती और मॉरल पुलिसिंग (Moral Policing) का मास्टरमाइंड मुज्तबा है. इसके अलावा ईरान में पहली बार सुधारवादी पार्टी एतिमाद-ए-मिल्ली ने हिजाब अनिवार्यता और मॉरल पुलिसिंग को खत्म करने की मांग की है. बड़े शिया नेता जनजानी ने हिजाब की अनिवार्यता का विरोध किया है. तो वहीं महिला संगठन (Woman Organisation) भी इसके विरोध में उतर आए हैं.
ये भी पढ़ें: Hijab पर ईरान से हिंदुस्तान तक जंग - Iran ने जिस महिला महसा अमीनी को मारा है, उसके समर्थन में भारत में उठी आवाज
ये भी पढ़ें: Hijab Row: जिस हिजाब विवाद में जल रहा है ईरान, जानिए क्या है उसका इतिहास, कैसे हुई इसकी शुरुआत