Sri Lanka: श्रीलंका के मछुआरों की स्थिति बेहद खराब, 'ना खाना है ना, केरोसीन', जीवित रहने के लिए करना पड़ रहा संघर्ष
श्रीलंका के मन्नार में केरोसीन की कमी की वजह से मछुआरे समुद्र में अपनी नाव नहीं ले जा पा रहे हैं ऐसे में इनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है.
Sri Lanka: श्रीलंका के मन्नार में मछुआरों की स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है. आलम ये है कि यहा के मछुराओं को जीवित रहने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है. पेट्रोलियम के घोर संकट के चलते मछुआरे केरोसीन की खरीद नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से इनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. देश को 1948 में आजादी के बाद से सबसे खराब स्थिति का सामना करना पड़ा है.
श्रीलंका में मछुआरों आजीविका प्रदान करने वाली नावों को चलाने के लिए बेहद जरूरी केरोसीन की खरीद के लिए काफी जद्दोजहद कर रहे हैं. 73 वर्षीय सोसाइपिल्लई निकोलस, उर्फ सोर्नम ने कहा,"इस समय सब कुछ मुश्किल है, कोई केरोसिन नहीं है, घर पर खाना नहीं है."
केरोसीन की कमी के चलते कमाई पर पड़ा असर
सोर्नम बताते हैं कि केरोसीन की कमी की वजह से जो मछुआरे अपनी बोट पर बाहर जाते थे. उन्होंने अब ऐसा ही काम शुरू कर दिया है और इसलिए जहां प्रति नाव 15 श्रमिक हुआ करते थे, वहां अब 40 हैं. सोर्नम के मुताबिक चूंकि लाभ वितरित किया जाता है, इसलिए उनकी कमाई काफी कम हो गई है. उनका कहना है कि अब उन्हें कभी-कभी 250 श्रीलंकाई रुपये (लगभग 70 यू.एस. सेंट) मिलते हैं. वहीं अच्छे समय के दौरान वे इससे लगभग दोगुना कमा लेते थे.
केरोसीन की कीमतें लगभग चार गुना अधिक
महीनों तक, मन्नार में केरोसीन उपलब्ध नहीं था क्योंकि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह खत्म हो गया था और यह अपनी रिफाइनरियों के लिए कच्चे तेल का आयात भी नहीं कर पा रहा था. जब कुछ हफ़्ते पहले आपूर्ति फिर से शुरू हुई, तो केरोसीन की कीमतें लगभग चार गुना अधिक हो गई थीं, क्योंकि श्रीलंका ने ईंधन सब्सिडी को खत्म करना शुरू कर दिया था.
वहीं एक नाव के मालिक राजा क्रूज़ ने कहा कि हमें पेट्रोल-डीजल जैसी लग्जरी चीजों की जरूरत नहीं है. हमारे आवश्यक काम के लिए, हमें केवल मिट्टी के तेल की जरूरत है. ”वहीं उसने कहा कि बेहतर संभावनाओं की उम्मीद में क्षेत्रों के कुछ परिवार मन्नार द्वीप के उत्तरीतम बिंदु से 30 किमी (20 मील) से भी कम दूरी पर भारत चले गए हैं.
ब्लैक में काफी महंगा बिक रहा है केरोसीन
बता दें कि यहां केरोसीन पहले 87 रुपये प्रति लीटर, लगभग 92 अमेरिकी सेंट प्रति गैलन की रियायती कीमत पर बेचा जाता था, और अब यह 340 रुपये प्रति लीटर, या $ 3.62 प्रति गैलन, सरकारी दर पर बिकता है. वहीं क्रूड ने बजाया की काला बाजार में केरोसीन 1,800 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है.
वहीं श्रीलंका की पावर और एनर्जी मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने पिछले महीने एक ट्वीट में कहा, "केरोसिन की कीमतों में संशोधन कई सालों से जरूरी था." "कीमतों के साथ अब लागत के बराबर, सरकार ने कम आय वाले परिवारों, मत्स्य पालन और वृक्षारोपण क्षेत्रों को सीधे नकद सब्सिडी का प्रस्ताव दिया है जो मिट्टी के तेल पर निर्भर हैं." क्रूज ने बताया कि मन्नार में परिवारों को अभी तक कोई हैंडआउट नहीं मिला है.
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