(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आखिर भारत के खिलाफ माहौल क्यों बना रहे फाइव आइज देश? मोदी के खिलाफ साजिश तो नहीं
Five Eyes Countries: फाइव आइज इंटेलिजेंस सदस्य देशों की मीडिया सूत्रों के हवाले से लगातार भारत विरोधी रिपोर्ट छाप रही हैं. ये देश भारतीय इंटेलिजेंस और सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.
Five Eyes Countries: भारत में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच अमेरिका के नेतृत्व वाले फाइव आइज देश भारत के खिलाफ महौल को तेज कर दिया है. इन पांच देशों की सरकार समर्थक मीडिया आए दिन सूत्रों के हवाले से भारत विरोधी खबर छाप रही है. इनकी खबरों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के इंटेलिजेंस है. फाइव आईज खुफिया गठबंधन के देशों में से कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की मीडिया अपने हालिया रिपोर्टों में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में मोदी सरकार के शामिल होने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
दरअसल, पांच देश अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने फाइव आईज नाम से एक खुफिया गठबंधन किया है. अब देखने में ये आ रहा है कि इन फाइव आइज देशों की मीडिया भारत के खिलाफ अभियान चला रही हैं. इन देशों की मीडिया ने अमेरिका में प्रतिबंधित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश, ब्रिटेन में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादी अवतार सिंह खांडा की हत्या और पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकवादियों की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ा है. अब इस कड़ी में ऑस्ट्रेलिया भी सामने आ चुका है. ऑस्ट्रेलिया की एबीसी न्यूज ने साल 2020 में भारतीय जासूसों पर रक्षा परियोजनाओं, हवाई अड्डे की सुरक्षा और क्लासीफाइड व्यापार जानकारी के बारे में रहस्य चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
बिना सबूत भारत पर लगा रहे आरोप
अमेरिका के एक मीडिया हाउस ने बैगर किसी सबूत के अपनी रिपोर्ट में गुरुपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश में सीधे तौर पर NSA अजीत डोभाल और रॉ के पूर्व सचिव सामंत गोयल का नाम लिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा पन्नू मामले में निखिल गुप्ता को दोषी ठहराकर पीएम मोदी और इंडियन इंटेलिजेंस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. इनका आरोप है कि भारतीय इंटेलिजेंस फाइव आइज देशों में खुफिया ऑपरेशन चला रही है. फिलहाल, भारत ने सभी तरह के विदेशी समाचारों और उनकी सरकार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. लेकिन ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये फाइव आइज देश इंडिया के खिलाफ माहौल क्यों बना रहे हैं?
डोभाल और सामंत का नाम सोची समझी रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि इन रिपोर्टों से साफ हो जाता है कि फाइव आइज देशों की इंटेलिजेंस भारतीय इंटेलिजेंस से मुकाबला करने का फैसला किया है. मोदी सरकार पर लगाम लगाने के लिए ये देश सरकार समर्थक मीडिया को जानकारी लीक कर रहे हैं. इस तरह के विदेशी आरोपों की टाइमिंग विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को पुष्ट करती नजर आ रही हैं, क्योकि एस जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि पश्चिम के देश लोकसभा चुनाव 2024 में न सिर्फ रुचि रख रहे हैं बल्कि ये हस्तक्षेप कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अजीत डोभाल और सामंत गोयल का नाम एक सोची समझी रणनीति के तहत लिया जा रहा है.
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