अमेरिका में कोविड-19 रिलीफ फंड के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. फ्लोरिडा के एक शख्स को धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जांचकर्ताओं का कहना है कि आरोपी ने कोविड-19 रिलीफ फंड के नाम पर 3.9 मिलियन डॉलर की रकम अवैध तरीके से हासिल की. जिसके बाद 29 साल वर्षीय डेविड टी हेनस के बैंक खाते की 3 मिलियन से ज्यादा रकम और उसके स्पोर्ट वाहनों को जब्त कर लिया गया है.
धोखाधड़ी कर हासिल किए 3.9 मिलियन डॉलर
अधिकारियों का कहना है कि हेनस ने धोखाधड़ी कर 13.5 डॉलर मिलियन लोन के लिए कंपनियों के नाम पर आवेदन किया. छोटे कारोबारियों के लिए कोरोना वायरस रिलीफ फंड कानून को 29 मार्च को लागू किया गया था. माफी लोन की रकम को कंपनी किराया, कर्मचारियों के वेतन और दूसरी अन्य जरूरतों में इस्तेमाल कर सकती थी. अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान हेनस ने लोन आवेदन पर झूठी जानकारी दी और कंपनी के खर्चे के बारे में गलत तथ्य पेश किए. जिसमें उसने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा चढ़ाकर पेश की. जबकि कंपनी में कथित कर्मचारियों का नामोनिशान नहीं था. इस तरह उसने अपनी कंपनी के कर्मचारियों के वेतन पर मिलियन डॉलर खर्च करने की बात कही. हालांकि बैंक रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि करते हैं कि 2020 की पहली तिमाही में कोई पेरोल खर्च नहीं हुआ.
शौक पूरा करने के लिए खरीदी लेंबॉर्गिनी कार
अधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से लोन के नाम पर हेनस ने 3.9 मिलियन डॉलर की रकम हासिल की. उसके बाद उसने रकम का इस्तेमाल अपने शौक को पूरा करने के लिए किया. उसने कुछ दिनों पहले 3 लाख 18 हजार डॉलर कीमत की लेंबॉर्गिनी कार खरीदी. इसके अलावा स्टोर से अन्य लग्जरी सामानों और रिसॉर्ट पर भी खर्च किया. आपको बता दें कि हेनस लाखों कारोबारियों में था जिसने कोरोना वायरस महामारी से खराब हुई आर्थिक स्थिति के दौरान सरकारी मदद के लिए आवेदन किया. फंड की रकम से निजी जरूरतों पर खर्च करनेवाले हेनस की गिरफ्तारी कथित धोखाधड़ी की एक मिसाल है. जिसने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर और कंपनी के ऊंचे खर्च को दिखाया. इसके अलावा कुछ लोगों ने बंद पड़ी कंपनियों के नाम पर भी लोन हासिल किया.
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