चीन से दूर और भारत के करीब लौटा मालदीव, 17 दिसंबर को सबसे पहले यहां आएंगे राष्ट्रपति सोहेल
विदेश मंत्री के स्वराज संग मुलाकात के बाद मालदीव के विदेश मंत्री शाहिद ने दोनों देशों के रिश्ते को "गहरा" और "पारम्परिक" करार दिया. उन्होंने भारत को ये भी भरोसा दिलाया कि मालदीव की नई सरकार भारत के साथ रिश्तों को महत्व देती है और इसे बेहद अच्छा मानती है.
माले: भारत के पड़ोसी देश मालदीव की कूटनीतिक बयार बदलती नज़र आ रही है. देश में बदली सरकार, वहां के विदेश मंत्री के ताज़ा भारत दौरे और 17 दिसंबर को होने वाले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोहेल के पहले विदेश दौरे के तौर पर उनके भारत आने के पहले इस पड़ोसी देश ने बड़ा कदम उठाया है. मालदीव ने सोमवार को भारत से अपने राजदूत अहमद मोहम्मद को वापस बुला लिया है.
अहमद मोहम्मद को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने भारत में मालदीव के राजदूत के तौर पर भेजा था. मोहम्मद को यामीन का करीबी माना जाता है. ये फैसला सोहेल के शपथ ग्रहण के चंद दिनों बाद आया. आपको बता दें कि यामीन की सरकार तुलनात्मक रूप से चीन के करीब थी और उनके नेतृत्व में भारत के इस पड़ोसी देश ने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया था जिसे लेकर चीन ने उम्मीद जताई है कि नई सरकार इसे जारी रखेगी.
Harmonious synergy of India's 'Neighbourhood First' & Maldives 'India First' policy
EAM @SushmaSwaraj warmly receivd Foreign Minister of Maldives @adbulla_shahid on his 1st foreign visit to India. EAM congratulated FM Shahid on his appointment as new Foreign Minister of Maldives pic.twitter.com/lpWtDuGDEw — Raveesh Kumar (@MEAIndia) November 26, 2018
वहीं, नए राष्ट्रपति सोहेल के भारत दौरे का फैसला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भारत दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद की मुलाकात के दौरान सोमवार को ही लिया गया. शाहिद के साथ वहां के वित्त मंत्री इब्राहिम आमिर, दो अन्य मंत्री और विदेश सचिव भी भारत आए थे. विदेश मंत्री के स्वराज संग मुलाकात के बाद शाहिद ने दोनों देशों के रिश्ते को "गहरा" और "पारम्परिक" करार दिया. उन्होंने भारत को ये भी भरोसा दिलाया कि मालदीव की नई सरकार भारत के साथ रिश्तों को महत्व देती है और इसे बेहद अच्छा मानती है.
उन्होंने कहा, "यमीन को लगता था कि वो चीन को भारत के ख़िलाफ़ खड़ा कर सकते हैं और वो उनकी कठपुतली बनकर काम करेंगे... सोहेल रिश्तों को वापस से इस क्षेत्र में लेकर आ रहे हैं." पिछले पांच सालों में ख़राब राजनीतिक का शिकार रही देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि उनका देश हेल्थ के सेक्टर में भारत के निवेश की उम्मीद लगाए बैठा है और इसका स्वागत करता है. वहीं, एक अन्य मंत्री ने पिछले पांच सालों में भारतीय कंपनियों के साथ उपजे किसी तरह के विवाद का निपटारा करने का भी आश्वासन दिया.
चीन के साथ मुक्त व्यापार सौदे से जुड़े दस्तावेजों पर भी देश की सरकार पुनर्विचार कर रही है. वहीं, चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना पर मालदीव ने कहा कि वो सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि बाकी के देशों के साथ सहयोग बरकरार रखना चाहते हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कहा, "मालदीव के साथ रिश्तों को भारत बेहद अहमियत देता है. ये रिश्ता विश्वास, पारदर्शिता, पारस्परिक समझ और संवेदनशीलता पर आधारित है."
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