जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में पूर्व अधिकारी डेरेक चाउविन पर चल रहे हत्या के मुकदमे में बचाव पक्ष की ओर से एक सेवानिवृत्त फोरेंसिक चिकित्सक ने बुधवार को गवाही दी कि पुलिस द्वारा नियंत्रित किए जाने के दौरान दिल की बीमारी के कारण जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु हो गई, जबकि कई विशेषज्ञों ने कहा कि फ्लॉयड ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया. मैरीलैंड राज्य के एक पूर्व मुख्य चिकित्सा परीक्षक और अब एक परामर्श फर्म के सदस्य डॉ. डेविड फाउलर ने कहा कि फ्लॉयड शरीर में फेंटानायल और मेथामफेटामानइन मिला और यह कि उसके हृदय रोग में उच्च रक्तचाप और धमनियों का संकुचित होना शामिल था.


उन्होंने बचाव पक्ष की गवाही के दूसरे दिन कहा, "ये सभी चीजें फ्लॉयड की मौत के कारण बने." चाउविन के वकील एरिक नेल्सन यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मिनियापोलिस पुलिस अधिकारी ने वह किया जो उन्हें करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था और फ्लॉयड की उनके अवैध ड्रग के इस्तेमाल करने और अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मृत्यु हुई थी.


जानिए कैसे हुई थी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत 


बता दें कि 26 मई. 2020 को अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक पुलिस अफसर ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा. जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ऑफिसर ने दया नहीं दिखाई. धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.


ये भी पढ़ें :-


चंडीगढ़ की महिला ने ब्रिटेन के प्रिंस हैरी पर शादी का झूठा वादा करने का लगाया आरोप, मामला सुनकर जज भी चौंक गए