HRW Report On Afghanistan: अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की अगस्त 2021 में वापसी हुई थी. सत्ता में आने के बाद आम माफी की घोषणा तो की गई, लेकिन अभी तक पूर्व अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की रहस्यमयी हत्याएं जारी हैं. द खामा प्रेस न्यूज एजेंजी ने स्वतंत्र सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. 


एजेंसी ने यह भी कहा कि काबुल के अधिग्रहण के बाद तालिबान ने पिछले शासन की विभिन्न सुरक्षा संस्थाओं के लिए काम करने वाले सभी अफगान सैन्य कर्मियों को हिरासत में लेने, प्रताड़ित करने या कैद करने से रोक दिया था.


हालांकि, ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने बताया है कि तालिबान में अभी भी पूर्व सरकारी नागरिक और सैन्य अधिकारियों की हत्याओं का सिलसिला जारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने अपने खुफिया अभियानों और पहले की सरकारों के डेटा के अनुसार, गिरफ्तारी और हत्याओं को लेकर अपने टारगेट तय किए हैं.


'47 सदस्यों ने सरेंडर किया या गिरफ्तार हुए'


इससे पहले, नवंबर में HRW रिपोर्ट ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल (ANSF) के 47 पूर्व सदस्यों - सैन्य कर्मियों, पुलिस, खुफिया सेवा के सदस्यों और अर्धसैनिक मिलिशिया के आत्मसमर्पण और गिरफ्तारी को लेकर दस्तावेजीकरण किया था. इन सभी ने 15 अगस्त से 31 अक्टूबर, 2021 के बीच आत्मसमर्पण किया था या तालिबान ने इनको गिरफ्तार कर लिया था.


रिपोर्ट गजनी, हेलमंड, कंधार और कुंदुज प्रांतों पर केंद्रित थी, लेकिन मामले खोस्त, पक्तिया, पक्तिका और अन्य प्रांतों में दर्ज किए गए दुर्व्यवहारों के व्यापक पैटर्न को दर्शाते हैं. यह रिपोर्ट कुल 67 साक्षात्कारों पर आधारित थी, जिसमें गजनी, हेलमंड, कुंदुज़ और कंधार प्रांतों में किए गए 40 व्यक्तिगत इंटरव्यू शामिल थे.


100 से अधिक पूर्व सदस्यों की हत्या?


ह्यूमन राइट्स वॉच के शोध से संकेत मिलता है कि तालिबान बलों ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद से तीन महीनों में केवल इन चार प्रांतों में सुरक्षा बल के 100 से अधिक पूर्व सदस्यों को मार डाला या जबरन गायब कर दिया. तालिबान ने इनके परिजनों को भी प्रताड़ित किया.


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