पाकिस्तानी कोर्ट ने पूर्व सीएम को सुनाई 34 साल की सजा, ठोक दिया 6 लाख का जुर्माना, जानें किस मामले में जाएंगे जेल
Gilgit Baltistan CM Jail Sentence: अदालत ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष पूर्व मुख्यमंत्री खालिद खुर्शी खान के खिलाफ लगे आरोपों को साबित करने में सक्षम रहा और इसी वजह से उन्हें सजा सुनाई गई.
Ex CM Jail Sentences: पाकिस्तान की एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को गिलगित बाल्टिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान को 34 साल जेल की सजा सुनाई. उन पर इलाके की सुरक्षा एजेंसियों को धमकी देने का आरोप था. जुलाई 2024 में एक विरोध प्रदर्शन के बाद खुर्शीद के खिलाफ राजद्रोह और आतंकवाद से जुड़े मामले दर्ज किए गए थे. इसी दौरान उन पर धमकी भरा भाषण देने का आरोप लगाया गया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत संख्या 1 ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के मुताबिक, खालिद खुर्शीद ने 26 जुलाई 2024 को गिलगित में विरोध प्रदर्शन के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्य सचिव, पुलिस कर्मियों और खुफिया एजेंसियों को धमकी दी थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर दावा किया कि अगर वह फिर से सत्ता में आए तो किसी को नहीं बख्शेंगे. मामले में यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व सीएम ने संवेदनशील संस्थानों के खिलाफ हिंसा भड़काई.
खालिद खुर्शीद खान चल रहे फरार
खालिद के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) का गठन किया गया और जेआईटी ने जांच में उन्हें दोषी पाया. फिलहाल खालिद खुर्शीद फरार चल रहे हैं. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मामले की कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में सक्षम रहा और इसी वजह से उन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत 34 साल की जेल और जुर्माना की सजा सुनाई गई.
पूर्व सीएम पर लगा 6 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना
अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री पर 6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के साथ-साथ उनकी सजा को लागू करने का आदेश दिया. इसके साथ ही अदालत ने नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) को उनके कम्प्यूटराइज्ड नेशनल आईकार्ड को ब्लॉक करने का भी आदेश दिया, जिसके बाद उनकी कानूनी स्थिति और जटिल हो गई.
कौन हैं खालिद खुर्शीद खान
दरअसल, खालिद खुर्शीद खान इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता हैं और इमरान खान शासन के दौरान वो गिलगित बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री बने थे. वो 2020 से जुलाई 2023 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. इसके बाद उनको फर्जी डिग्री मामले में अयोग्य ठहराया गया और मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा.